शिक्षा विभाग में चार शिक्षक भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित, पारदर्शिता को सख्त संदेश

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The Duniyadari :

दुर्ग जिले में शिक्षा विभाग ने भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में एक साथ तीन प्राचार्यों और एक शिक्षक को निलंबित किया है। यह कार्रवाई मार्च 2024 में प्रनाम संगठन के अध्यक्ष पवन केसवानी द्वारा दर्ज शिकायत के बाद हुई। शिकायत में आरोप था कि फरीदनगर के प्रभारी प्राचार्य नौशाद खान ने दुर्ग के तकियापारा में अपने कार्यकाल के दौरान संकुल केंद्र के खाते का सही तरीके से हैंडओवर नहीं किया और दो अलग-अलग फर्जी खातों के माध्यम से लाखों रुपए का गबन किया। इस घोटाले में शिक्षक निजामुद्दीन भी शामिल था।

जांच में यह सामने आया कि नौशाद खान और निजामुद्दीन ने मिलकर लगभग 1,84,000 रुपए का गबन किया। इसके साथ ही, तकियापारा में बाद में पदस्थ हुई प्राचार्य वंदना पांडे और आशा टेकाम ने गड़बड़ी की जानकारी होने के बावजूद कोई आपत्ति नहीं जताई, इसलिए उन्हें भी इस मामले में दोषी माना गया और निलंबित किया गया।

यह पहला अवसर है जब छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में एक ही शिकायत के आधार पर चार लोगों को एक साथ निलंबित किया गया। विभाग ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सख्त नीति का प्रतीक बताया है और साफ संदेश दिया है कि किसी भी स्तर पर अनुचित कार्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पवन केसवानी द्वारा 4 मार्च 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी और 8 मार्च 2024 को कलेक्टर को दी गई शिकायत के डेढ़ साल बाद यह कार्रवाई हुई, जो यह दर्शाती है कि प्रशासन गंभीर शिकायतों पर समयबद्ध और कड़ा कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस निलंबन ने न केवल भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है, बल्कि ईमानदार शिक्षकों और अधिकारियों के लिए यह प्रेरणा भी बनेगा कि वे अपने कर्तव्यों का पालन पारदर्शिता और निष्ठा के साथ करें।