शिवसेना के बागी नेताओं के कैंप में ये तीन विधायक कर रहे हैं ईडी और इनकम टैक्‍स के एक्‍शन का सामना

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शिवसेना के बागी विधायकों ने गुरुवार को गुवाहाटी के पांच सितारा होटल में हुई बैठक में एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुन लिया। इसके साथ ही बागी विधायकों ने आरोप लगाया कि विपक्षी विचारधारा की पार्टियों के साथ गठबंधन करने के कारण बीते 2.5 सालों की महा विकास आघाड़ी सरकार में शिवसेना के कैडर को अनदेखा किया गया है। इन्हीं सब कारणों के कारण उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की है।

हालांकि, शिवसेना के बागी विधायकों में से कुछ ने पहले आरोप लगाया था कि पार्टी कैडर और नेताओं को भाजपा शासित केंद्र सरकार विभिन्न जांच एजेंसियों के माध्यम से उन्हें परेशान कर रही है।

शिंदे गुट की ओर से बुधवार (22-06-2022) को जारी एक मिनट लंबे वीडियो में विधायकों को एक दूसरे के साथ बातचीत करते हुए और हंसते हुए दिखाया गया है। वीडियो में ओवाला – माजीवाड़ा से शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाईक काफी मुखर और सक्रिय दिखाई दे रहे हैं और साथ ही कह रहे हैं कि जो भी इस बागी गुट के खिलाफ है उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए। सरनाईक 175 करोड़ के मनी लांड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे हैं।
इसके अलावा शिंदे गुट में शामिल हुई शिवसेना की एक और विधायक यामिनी जाधव के पति और बीएमसी की स्टैंडिंग कमेटी के पूर्व चेयरमैन यशवंत जाधव भी ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं। ईडी की ओर से उन पर फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) का उल्लंघन करने के लिए केस दर्ज किया गया है। वहीं, टैक्स चोरी करने के आरोप में यशवंत जाधव के मुंबई के बांद्रा में स्थित फ्लैट के साथ करीब 40 संपत्तियों को कुर्क किया गया है।

ईडी की कार्रवाई का सामना कर रही एक अन्य नेता शिवसेना सांसद भावना गवली हैं। उन्होंने भी विद्रोही गुट का समर्थन किया है। उनकी ओर से सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव को एक पत्र भेजा गया, जिसमें कहा, “शिंदे समूह द्वारा उठाई गई चिंताओं का समाधान करना चाहिए।”

गवली वर्तमान में एक एनजीओ में मनी-लॉन्ड्रिंग जांच का सामना कर रही है, जिसे वह अपनी मां के साथ चलाती है। उसके एक करीबी सहयोगी सईद खान को ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी की ओर से खान के 3.75 करोड़ रुपये के कार्यालय भवन को भी कुर्क किया है।