सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार पर साधा निशाना, बोले- किसी को अहंकार नहीं आना चाहिए

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न्यूज डेस्क। भाजपा ने शुक्रवार को अपने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (Rajya Sabha MP Kirodi Lal Meena) के कथित रूप से पुलिस के साथ झड़प में घायल होने के बाद विरोध प्रदर्शन की घोषणा की। जब बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों के परिजनों से मिलने जा रहे थे, उस दौरान ये घटना हुई। शुक्रवार की रात में पुलिस ने तीन प्रदर्शनकारी विधवाओं को जयपुर में सचिन पायलट के आवास के बाहर से उठाया था और उन्हें वापस उनके शहरों में भेज दिया। इसके अलावा उनके कुछ समर्थकों को जयपुर के बाहरी इलाके बगरू में SEZ पुलिस स्टेशन में रखा गया था। वहीं सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है।

राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (former deputy CM Sachin Pilot) शुक्रवार को टोंक में थे। उन्होंने घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) पर कटाक्ष किया। सचिन पायलट ने कहा, “किसी को अपने अहंकार को रास्ते में नहीं आने देना चाहिए। अगर कुछ मांगे हैं, तो उन्हें पूरा किया जा सकता है। देश में यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि हम वीरों की बात सुनने को भी तैयार नहीं हैं। चाहे आप सहमत हों या असहमत (उनकी मांगों के साथ) यह बात बाद की है। मामले को बेहतर तरीके से सुलझाया जा सकता था। जिस तरह से पुलिस ने उनके साथ व्यवहार किया, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है और इसकी जांच की जानी चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए।”

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने तीन विधवाओं का जिक्र करते हुए ट्वीट कर लिखा, “सरकार तीन बहादुरों से इतनी डरती क्यों है कि पुलिस उन्हें रातोंरात उठा ले गई? पता नहीं कहां ले गए हैं। महिलाएं केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने की गुहार लगा रही हैं। मुख्यमंत्री उन्हें सुनने से इतने क्यों घबराए हुए हैं?”

 

हालांकि किरोड़ी लाल मीणा को सामोद पुलिस ने रोक लिया और एसपी (जयपुर ग्रामीण) राजीव पचर के वाहन के अंदर धकेल दिया गया। किरोड़ी लाल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की और उनके कपड़े फट गए। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, “मैं अपने समर्थकों के साथ सामोद बालाजी के दर्शन करने जा रहा था, लेकिन सामोद थाने की पुलिस ने मुझे रोका, गाली दी और मेरे साथ मारपीट की। क्या वीरों के साथ खड़ा होना इतना बड़ा अपराध है कि गहलोत सरकार एक जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है?”