न्यूज डेस्क। कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़ने से लगे झटके के बाद भाजपा ने सपा को जवाबी झटका देने की तैयारी की है। भाजपा ने सपा के कुछ विधायक, एमएलसी सहित बड़े नेताओं को भाजपा में शामिल कराने की योजना बनाई है।
सूत्रों के मुताबिक सपा के करीब एक दर्जन नेता और विधायक भाजपा की सदस्यता लेना चाहते हैं। हालांकि वे चाहते हैं कि भाजपा पहले उनका टिकट पक्का करे। ऐसे नेताओं के टिकट को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं को निर्णय करना है।
शीर्ष नेतृत्व की हरी झंडी के बाद अगले कुछ दिनों में भाजपा सपा को करारा झटका दे सकती है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने दावा किया है कि सपा के एक दर्जन विधायक और नेता भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने को तैयार हैं।
जल्द होगा गठबंधन पर निर्णय
भाजपा के सूत्रों के मुताबिक चुनावी उठापटक के बीच भाजपा अब अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर जल्द निर्णय लेगी। पार्टी नेतृत्व सीटों के बंटवारे को आपसी बातचीत से हल करना चाहता है।
स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- सरकार के दलित व पिछड़े विरोधी रवैये के कारण दिया इस्तीफा
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि राज्य सरकार के दलित, पिछड़े, किसान, बेरोजगार व नौजवान विरोधी रवैये के कारण उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। कहा कि एक राजनीतिक व्यक्ति होने के नाते किसी न किसी दल से बात करनी ही होगी। पर, कार्यकर्ताओं से बात करने के बाद ही किसी दल से बात करने का निर्णय करेंगे।
मौर्य ने बताया कि उन्होंने भाजपा सरकार व संगठन में उचित स्तर पर अपनी बात को रखी, लेकिन कोई परिणाम नहीं आया। उन्होंने सपा में जाने की संभावनाओं को स्वीकार करते हुए कहा कि दो दिन बाद यह तय होगा कि कितने विधायक व मंत्री उनके साथ जाएंगे।
केशव को अपनी दुर्गति पर तरस आना चाहिए
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि केशव प्रसाद मौर्य को खुद की दुर्गति पर तरस आना चाहिए। पहले वह अपने को सम्मानित स्थिति में लाएं। केशव प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री है, उनके सलाहकार नहीं है।