सुकमा में बड़ी सफलता: दरभा डिवीजन के शीर्ष माओवादी दंपत्ति ने 33 लाख के इनाम सहित किया आत्मसमर्पण

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The Duniyadari : सुकमा। छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान लगातार असर दिखा रहा है। इसी अभियान के दबाव और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर दरभा डिवीजन के कुख्यात और सबसे वांछित माओवादी दंपत्ति ने आज सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में स्पेशल ज़ोनल कमेटी मेंबर (SZCM) जयलाल उर्फ़ दिरदो विज्जा और उसकी पत्नी माड़वी गंगी उर्फ़ विमला शामिल हैं। दोनों पर कुल 33 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

40 वर्षों तक सक्रिय रहा जयलाल, संगठन का बड़ा रणनीतिक चेहरा

25 लाख के इनामी जयलाल बोडेगुब्बाल, गगनपल्ली पंचायत (थाना एर्राबोरे, जिला सुकमा) का निवासी है और करीब चार दशक तक माओवादी संगठन की रीढ़ बना रहा। 1994 में बाल संगठन में शामिल होने के बाद वह लगातार ऊँचे पदों तक पहुंचा।

समय के साथ उसने CNM सदस्य, वेस्ट बस्तर दलम सदस्य, ACM/PPCM, LOS कमांडर, सेक्शन कमांडर, कंपनी कमांडर, मिलिट्री प्रभारी और अंत में स्पेशल ज़ोनल कमेटी मेंबर जैसे अहम पदों की जिम्मेदारियाँ निभाईं।

कई बड़ी घटनाओं में रहा मास्टरमाइंड

सूत्रों के अनुसार जयलाल निम्न बड़े नक्सली हमलों की रणनीति और क्रियान्वयन में शामिल रहा—

  • 2010 – ताड़मेटला हमला (76 जवान शहीद)
  • 2013 – झीरम घाटी हमला
  • 2020 – मिनपा हमला (17 जवान शहीद)
  • 2021 – टेकलगुडेम मुठभेड़ (22 जवान शहीद)
  • 2024 – टेकलगुड़ा कैंप अटैक
  • 2024 – धर्माराम कैंप अटैक
  • और कई अन्य घटनाएँ

20 वर्षों से सक्रिय थी विमला, 8 लाख की इनामी

जयलाल की पत्नी विमला पिछले दो दशकों से संगठन में सक्रिय थी और LOS सदस्य, ACS, एरिया कमेटी सचिव और मलंगेर एरिया कमेटी इंचार्ज सहित कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ संभाल चुकी है। वह फूलबगड़ी (जिला सुकमा) की रहने वाली है।

वह निम्न घटनाओं में भूमिका निभा चुकी है—

  • 2021 – टेकलगुडेम मुठभेड़
  • 2024 – टेकलगुड़ा कैंप हमला
  • अन्य कई हिंसक गतिविधियाँ

विचारधारा से मोहभंग के बाद हिंसा छोड़ने का निर्णय

सुरक्षा बलों—DRG, STF, CRPF और COBRA—द्वारा चलाए जा रहे लगातार अभियान, संगठन के कमज़ोर होते ढाँचे, नेतृत्व की लगातार मौतों और आंतरिक मतभेदों ने इस दंपत्ति को हिंसा छोड़ने की ओर प्रेरित किया।

सुकमा एसपी के अनुसार, दोनों लंबे समय से कई संवेदनशील मामलों में वांछित थे और उनका आत्मसमर्पण दक्षिण बस्तर क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों पर बड़ा असर डालेगा।

सरकार देगी पुनर्वास का लाभ

आत्मसमर्पण करने वाले दोनों माओवादियों को छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत तुरंत प्रोत्साहन राशि, सुरक्षा और पुनर्वास से जुड़ी सभी सहायता प्रदान की जाएगी।

प्रशासन का कहना है कि उन्हें समाज में सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन देने के लिए हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी।