सतीश अग्रवाल
बिलासपुर- सुपर ग्रेन रागी। सेवन से बढ़ता वजन और मधुमेह नियंत्रण में रखा जा सकेगा। फाइबर से समृद्ध यह मोटा अनाज गर्मी के दिनों में शरीर को ठंडा रखने में भी मददगार माना गया है। नियमित आहार में शामिल किए जाने पर यह हैरत में डालने वाला लाभदायक परिणाम देता है।
मोटा अनाज में शामिल किए जाने वाले रागी में आठ महत्वपूर्ण औषधीय तत्व मिले हैं, जिसके बाद इसे सुपर ग्रेन की सूची में जगह मिल गई है। इसलिए अब इसकी व्यावसायिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सी-मार्ट में इससे बने व्यंजन को मिलते प्रतिसाद के बाद किसानों का रुझान बढ़ता दिखाई देता है।
मिले यह मेडिशनल प्रॉपर्टीज
समृद्ध फाइबर की वजह से रागी का सेवन वजन और चर्बी कम करने में सक्षम है। पाचन तंत्र को बनाए रखता है। लेसीथीन और मेथीयोनिन का प्रतिशत अच्छा होने की वजह से लीवर को मजबूत करता है। कोलेस्ट्रोल को भी कंट्रोल में रखता है। उच्च पॉलीफेनॉल की मात्रा से रागी को मधुमेह को नियंत्रण में रखने में सक्षम पाया गया है। सेवन से ग्लाइसेमिक प्रतिक्रिया कम होती है, इसकी वजह से शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
रोटी, इडली और उपमा
अनुसंधान में मिली सफलता के बाद रागी से बनी रोटी को संपूर्ण भोजन माना गया है। नाश्ता में आजकल उपमा और इडली का चलन अच्छा है। इसलिए इससे बनी इडली में अमीनो एसिड जैसे लाभदायक तत्व बनते हैं। इसलिए इसे शुगर, कोलेस्ट्रोल और वजन को कंट्रोल करने में सक्षम माना गया है। रागी से बनने वाला उपमा कोलेस्ट्रोल-फ्री नाश्ता की सूची में शीर्ष पर आ चुका है।
चमत्कारिक अनाज
गेहूं की तुलना में रागी में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होता है। इसके अलावा पोटेशियम, आयरन और अन्य खनिज तत्व भी होते हैं। बाल, हड्डी और दांतों के लिए भरपूर पोषक तत्व देता है। फाइबर के साथ कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट भी मिले हैं। रक्तचाप और हृदय विकार को दूर करने में रागी सक्षम है।
– डॉ अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट, फॉरेस्ट्री, टीसीबी कॉलेज ऑफ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर