The Duniyadari: रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने सुशासन तिहार के तीसरे चरण में भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को फिर एक बार स्पष्ट किया है। बेमेतरा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े तीन संविदा कर्मियों को रिश्वत मांगने और धमकाकर वसूली करने के आरोपों में सेवा से तत्काल बर्खास्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर यह त्वरित कार्रवाई की गई।
मामला तब उजागर हुआ जब एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें ग्राम पंचायत ऐरमशाही की आवास मित्र नीरा साहू प्रधानमंत्री आवास योजना की किश्त जारी करने के बदले ₹25,000 रिश्वत मांगते सुनी गईं। तहसीलदार की जांच में नीरा साहू ने अपनी आवाज होने की पुष्टि की।
इसी प्रकरण में ग्राम पंचायत तेंदुआ के रोजगार सहायक नारायण साहू द्वारा हितग्राहियों से ₹10,000 की जबरन वसूली के प्रमाण मिले। साथ ही उनकी पत्नी ईश्वरी साहू, जो ऐरमशाही पंचायत में रोजगार सहायक थीं, पर भी डराकर पैसे वसूलने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
जनपद पंचायत नवागढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की रिपोर्ट और नांदघाट थाना में दर्ज FIR के आधार पर तीनों आरोपियों को सेवा से हटाने के आदेश बेमेतरा कलेक्टर के अनुमोदन से जारी किए गए। नांदघाट थाना में तीनों पर BNSS की धारा 308(2) और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “यह केवल कार्रवाई नहीं, सुशासन का संकल्प है। प्रदेश में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सरकार ने चेतावनी दी है कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी आम नागरिक के अधिकारों का दुरुपयोग करता है, तो उसके खिलाफ सख्त और त्वरित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।