स्टेट बनाम विधायक ननकीराम@PSC घोटाला, सरकार को हलफनामा पेश करने एचसी से 14 दिन की मोहलत

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कोरबा। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में चल रहे चर्चित पीएससी में नौकरी के घोटाले के मामले में राज्य शासन ने अपना हलफनामा पेश करने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा है। रामपुर विधायक ननकीराम कंवर बनाम स्टेट व अन्य के मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन और अन्य उत्तरदाताओं की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता चंद्रेश श्रीवास्तव ने उपस्थित दर्ज कराते हुए पैरवी की। उनकी गुजारिश पर कोर्ट ने उन्हें रिटर्न-शपथ पत्र दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। इसके बाद, याचिकाकर्ता ननकी राम कंवर के अधिवक्ता संजय कुमार अग्रवाल को भी प्रत्युत्तर-शपथ पत्र दाखिल करने के लिए उच्च न्यायालय ने दो सप्ताह का समय दिया गया है। इसके बाद ही मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा। इस केस की सुनवाई बिलासपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायाधीश एनके चंद्रवंशी की दो सदस्यीय खंड पीठ कर रही है।

उल्लेखनीय होगा कि राज्य प्रशासनिक सेवा (पीएससी) में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और रामपुर विधायक नानकीराम कंवर ने बिलासपुर उच्च न्यायालय में याचिका लगाई है। इस मामले में आरोप है कि राजभवन के सचिव व पीएससी के चेयरमैन समेत अनेक बड़े अफसरों और राजनेताओं ने पद का दुरुपयोग कर अपने बेटा बेटियों को डीएसपी और डिप्टी कलेक्टर जैसे पदों पर सरकारी नौकरी दिलवाई। बिलासपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और न्यायाधीश एनके चंद्रवंशी की बेंच कर रही है। विधायक ननकीराम ने पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के कई रिश्तेदारों के सलेक्शन पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा है कि पीएससी में जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों ने न सिर्फ रेवड़ियों की तरह नौकरियां नहीं बांटी बल्कि इसकी आड़ में करोड़ों का भ्रष्टचार किया गया है।