The Duniyadari: बिलासपुर– छत्तीसगढ़ में प्राचार्य पदोन्नति को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद पर हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस अमितेंद्र कुमार प्रसाद की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन द्वारा तय मापदंडों को उचित ठहराया है और नियम 15 में संशोधन का निर्देश दिया है।
अब राज्य सरकार जल्द ही प्राचार्य पदों पर लंबित पदोन्नति प्रक्रिया पूरी कर सकेगी। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने शिक्षा सचिव और लोक शिक्षण संचालक से इस विषय पर चर्चा की थी। उन्होंने बताया कि निर्णय के बाद नए शिक्षा सत्र की शुरुआत के साथ ही पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
बड़ी संख्या में पद रिक्त, जल्द होगी नियुक्ति
शालाओं में बड़ी संख्या में प्राचार्य के पद रिक्त हैं, जिससे शिक्षण सत्र प्रभावित हो रहा है। ऐसे में हाई कोर्ट का यह फैसला स्कूल शिक्षा विभाग के लिए राहत लेकर आया है।
सुनवाई में यह सामने आया:
10 जून से दोबारा शुरू हुई सुनवाई, कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को एक दिन का समय देकर 11 जून को फाइनल हियरिंग की तिथि दी थी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ज्वाइनिंग पर नाराज़गी जताई। 7 मई तक रोक के बावजूद कई जिलों में ज्वाइनिंग दे दी गई थी।
कोर्ट ने शासन से इसकी पूरी रिपोर्ट तलब की थी और स्पष्ट किया कि रोक के बावजूद दी गई ज्वाइनिंग ग़लत है।
प्रमोशन सूची पहले ही जारी कर दी गई थी
राज्य सरकार ने 30 अप्रैल 2025 को प्राचार्य प्रमोशन की सूची जारी की थी, जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग के कुल 2925 पदों पर व्याख्याताओं को प्राचार्य पद पर पदोन्नत किया गया था। इसमें ई संवर्ग के 1524 और टी संवर्ग के 1401 शिक्षकों को शामिल किया गया था।
हालांकि, 28 मार्च को कोर्ट को आश्वस्त किया गया था कि अगली सुनवाई तक प्रमोशन आदेश जारी नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद लिस्ट जारी हुई और 1 मई को कोर्ट ने प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद अब स्कूलों में प्राचार्य पद पर जल्द नियुक्ति की संभावना है, जिससे शिक्षा व्यवस्था को स्थायित्व और गति मिलेगी।