हिस्ट्रीशीटर ‘ सीजिंग राजा’ का एनकाउंटर, BSP चीफ की हत्या मामले में पुलिस का बड़ा एक्शन

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चेन्नई– तमिलनाडु के बीएसपी प्रेसिडेंट के. आर्मस्ट्रांग हत्याकांड में वॉन्टेड कुख्यात हिस्ट्रीशीटर सीजिंग राजा को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया. जानकारी के मुताबिक, रविवार को आंध्र प्रदेश के कडप्पा में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान वो ढेर हो गया. बता दें कि आर्मस्ट्रांग हत्याकांड में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था और चल रही जांच में 27 संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई, जिनमें से एक सीजिंग राजा भी था.

हालांकि, सीजिंग राजा ने कथित तौर पर पुलिस पर हमला किया और नीलंकरई के पास भागने की कोशिश की, जिससे पुलिस को गोली चलानी पड़ी और उसे मार गिराया गया. शहर में सात दिनों में यह दूसरा एनकाउंटर है.

इसके अलावा, गैंगस्टर अप्पू को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस उसे कथित तौर पर देशी बम सप्लाई करने के आरोप में तलाश रही थी और मुख्य संदिग्धों में से एक सीजिंग राजा को आंध्र प्रदेश में गिरफ्तार किया गया था और उसे शहर लाया गया था.

18 सितंबर को आर्मस्ट्रांग हत्याकांड में वॉन्टेड गैंगस्टर, ‘काकाथोप’ बालाजी, चेन्नई में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. बीएसपी लीडर आर्मस्ट्रांग (52) की 5 जुलाई को चेन्नई में उनके घर के बाहर कुछ अज्ञात लोगों के द्वारा हत्या कर दी गई. घटना के सीसीटीवी फुटेज में चार हमलावर फूड डिलीवरी एजेंट की पोशाक पहने नजर आए थे. आर्मस्ट्रांग की हत्या के बाद, आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया लेकिन आगे की जांच में 27 संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई. इनमें से एक गैंगस्टर थिरुवेंगदम 13 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया.

के. आर्मस्ट्रांग पेशे के एक वकील और अंबेडकरवादी थे, जो दलितों के हित के लिए काम करते थे. वे कई साल तक बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे और उत्तरी चेन्नई इलाके में काफी लोकप्रिय थे. खास कर उन युवाओं के बीच, जिसकी उन्होंने पढ़ाई पूरी करने और नौकरियों के कई मामलों में मदद की थी. वह अपनी राजनीतिक सक्रियता और स्थानीय मध्यस्थता में भूमिका के लिए भी जाने जाते थे.

के. आर्मस्ट्रांग ने साल 2006 के निकाय चुनाव में निर्दलीय पार्षद के रूप में जीत हासिल की थी. इसके बाद वह बीएसपी में शामिल हो गए. उन्होंने साल 2011 के विधानसभा चुनाव में डीएमके के एमके स्टालिन को चुनौती देते हुए कोलाथुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. वे उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती को रैली के लिए आमंत्रित करने के बाद चर्चा में आए थे. इस रैली के बाद उन्हें पूरे तमिलनाडु सहित कई सुबे में प्रसिद्धि मिली थी.