UPA government will remain in Jharkhand even if Hemant is disqualified! Know CM’s game plan
रांची। राज्य में पिछले एक हफ्ते से जारी सियासी संशय के बीच झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र पांच सितंबर को आहूत किया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। माना जा रहा है कि सत्र में हेमंत सोरेन की महागठबंधन सरकार इस दौरान विश्वास प्रस्ताव पेश कर सकती है।
बता दें कि गुरुवार को महागठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला। राज्यपाल को 34 विधायकों के हस्ताक्षर के साथ सौंपे ज्ञापन में मांग की गई कि यदि हेमंत सोरेन की सदस्यता पर आयोग का मंतव्य आया है तो राजभवन जल्द स्थिति स्पष्ट करें। मुख्यमंत्री की अयोग्यता अगर सामने आती है तब भी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि, झामुमो-कांग्रेस-राजद-निर्दलीय गठबंधन को राज्य विधानसभा में प्रचंड बहुमत है।
इसके अलावा सदन में राज्य के वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम, हॉर्स ट्रेडिंग की आशंका के बीच सियासी घमासान, संवैधानिक संस्थाओं की भूमिका, स्थानीय नीति के साथ एससी, एसटी व ओबीसी का आरक्षण बढ़ाने जैसे विषयों पर चर्चा कराई जा सकती है।