The Duniyadari : कानपुर। मैनपुरी में पदस्थ पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) ऋषिकांत शुक्ल गंभीर आरोपों के चलते मुश्किलों में घिर गए हैं। शासन ने उनके खिलाफ सतर्कता (विजिलेंस) जांच के निर्देश जारी करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई कानपुर पुलिस की एसआईटी द्वारा सौंपी गई विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने अपनी जांच में खुलासा किया कि ऋषिकांत शुक्ल ने अपने परिवारजनों और कुछ करीबी सहयोगियों के नाम पर अवैध रूप से 100 करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शुक्ल की मिलीभगत कथित रूप से जेल में बंद अधिवक्ता अखिलेश दुबे के गैंग से थी।
इस प्रकरण के सामने आने के बाद पुलिस विभाग में खलबली मच गई है। हाल में ही अधिवक्ता दुबे से संबंधों को लेकर इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को भी निलंबित किया गया था। साथ ही कई पुलिसकर्मियों और केडीए के कर्मचारियों को नोटिस भी जारी किए गए थे।
गौरतलब है कि “ऑपरेशन महाकाल” के दौरान कानपुर पुलिस ने अखिलेश दुबे को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जिसके बाद गठित विशेष जांच टीम ने पुलिस, वकीलों और कुछ अन्य व्यक्तियों के गठजोड़ को उजागर किया था। उसी जांच में सीओ ऋषिकांत शुक्ल का नाम प्रमुखता से सामने आया था।
हालांकि ऋषिकांत शुक्ल ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए खुद को निर्दोष बताया है। इसके बावजूद शासन की ओर से की गई यह कार्रवाई अधिवक्ता अखिलेश दुबे केस में अब तक का सबसे बड़ा कदम मानी जा रही है।












