11वीं की छात्रा ने प्रीमेच्योर शिशु को दिया जन्म, शिशु के पैर में चोट के निशान…सीएनसीयू वार्ड में भर्ती, जिला प्रशासन और आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों में मची खलबली

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The Duniyadari : कोरबा- जिले के पौड़ी उपरोड़ा विकासखंड के कस्तूरबा गांधी सरकारी गर्ल्स हॉस्टल में एक 11वीं की छात्रा ने प्रीमेच्योर शिशु को जन्म दिया है। शिशु के पैर में चोट के निशान पाए गए हैं। ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए उसे कोरबा में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के सीएनसीयू वार्ड में भरती किया गया है। इस खबर के बाद जिला प्रशासन और आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों में खलबली मच गई है।

कोरबा जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर दूर पौड़ी उपरोड़ा में आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा कस्तूरबा गांधी आवासीय गर्ल्स हॉस्टल का संचालन किया जा रहा है। हॉस्टल में एक 11वीं की छात्रा ने लगभग 8 महीने के शिशु को जन्म दिया है। इस मामले की खबर जल्द ही संस्था में फैल गई जिस पर छात्रावास अधीक्षक रात्रे ने संज्ञान लिया। उन्होंने शिशु के जन्म के बारे में संबंधित छात्रा से पूछताछ की तो उसने इस मामले में अपनी भूमिका से साफ इनकार कर दिया। उसने कहा की शिशु किसका है, उसे नहीं पता। बाद में छात्रा के माता-पिता को बुलाकर पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि बेटी ने पहले कभी भी अपने गर्भवती होने के बारे में कोई सूचना नहीं दी थी। इस घटनाक्रम में प्रीमेच्योर बालिका शिशु को कोरबा के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के विशेष नवजात शिशु वार्ड में भर्ती किया गया है।

जिला मेडिकल कॉलेज में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश वर्मा ने स्थानीय मीडिया को बताया कि शिशु लगभग 7 से 8 महीने का है। ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ समस्याएं हैं इसलिए उसे केयर यूनिट में रखा गया है। शिशु के एक पैर में चोट के निशान होने को लेकर डॉक्टर ने बताया कि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि ऐसा क्यों हुआ। शिशु को ठंड लग गई थी और उसे हीटर से हिट देकर गर्म किया गया है। फिलहाल अभी बच्चे की हालत ठीक नहीं है उपचार जारी है। इस घटना के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। यही नहीं छात्रावास में भी हड़कंप मचा हुआ है। सूचना मिलते ही आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और आगे की जांच कार्यवाही शुरू कर दी है। संबंधित विभाग ने इसकी शिकायत पुलिस से भी की है।

फिलहाल अनैतिक संबंध के प्रभाव से इस दुनिया में आए बालिका शिशु का उपचार मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में चल रहा है। लेकिन सवाल ये है कि सरकारी छात्रावास मे रहकर पढ़ाई करने वाली छात्रा आखिर कैसे और किसके संपर्क में आई ? छात्रावास अधीक्षिका को छात्रा के गर्भवती होने की जानकारी कैसे नहीं हुई ?

छात्रावास की अधीक्षिका जयकुमारी ने बताया कि बच्चे के रोने की आवाज आने पर उसने जाकर देखा तो छात्रावास में नवजात पड़ी हुई थी। जांच के दौरान बात सामने आई की एक छात्रा के प्रसव होने के बाद बाथरूम की खिड़की से उसे नीचे फेंक दिया गया था। अधीक्षिका ने बताया कि इस घटना के सामने आने के बाद उसने छात्रावास में सभी बच्चों से पूछताछ की तो पता चला कि एक छात्रा की तबीयत खराब हुई है। जब उसे पौड़ी उपरोड़ा के उप स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया और जांच कराया गया तब पता चला कि छात्रा का प्रसव हुआ है।