The Duniyadari: रायपुर- स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन शिक्षा संचालक डॉ. एसएन आदिले के खिलाफ 19 साल बाद फर्जी तरीके से एडमिशन दिलाने के प्रकरण में कोर्ट चालान पेश किया गया है. 14 मई को करीब 100 पन्नों का चालान पेश किया गया. इसमें बताया गया है कि किस तरह से पद का दुरुपयोग करते हुए दस्तावेजों की हेराफेरी कर 2006 में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाया गया.
चालान में आरोप लगाया गया था कि डॉ. आदिले ने अपनी पुत्री और उनकी सहेलियों को फर्जी तरीके से एडमिशन कराया. शिकायत के बाद रायपुर की गोलबाजार पुलिस ने 4 साल तक जांच करने के बाद 2010 में प्राथमिकी दर्ज की. साथ ही पूरे प्रकरण की 10 साल तक जांच करने के बाद 2020 में चालान तैयार किया. लेकिन इतने साल तक जांच करने के बाद भी तकनीकी त्रुटि के चलते इसे पेश नहीं किया गया.
बता दें कि इस मामले का खुलासा डेंटल कौंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) के पूर्व सदस्य डॉ. अनिल खाखरिया ने सूचना अधिकार कानून के तहत मिलने के बाद किया था. उन्होंने सूचना कानून के तहत प्रवेश के आधार के संबंध में जानकारी मांगी थी.
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य शिक्षा संचालक द्वारा अखिल भारतीय कोटे में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपनी पुत्री और अन्य को एमबीबीएस में प्रवेश दिलाया था. जिसका खुलासा होने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इसके बाद कार्रवाई नहीं हुई थी.