22 जुलाई महाकाल भस्म आरती: सावन के प्रथम सोमवार बाबा श्री महाकाल जी के मस्तक पर त्रिपुंड और चंदन अर्पित कर राजा स्वरूप में श्रृंगार,

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The duniyadari उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज सावन माह के कृष्ण पक्ष के प्रथम सोमवार रात ढाई बजे मंदिर के कपाट खोले गए। भगवान शिव को प्रिय सावन महीने में आरती का समय बदलकर 3 बजे कर दिया गया। आज सबसे पहले भगवान महाकाल का जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया। मान्यता है कि श्रावण माह में शिव आराधना करने से सभी कष्टों से फौरन मुक्ति मिलती है।

श्रावण के पहले सोमवार के दिन आज महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई। भस्म आरती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया, जिसमें दूध ,दही ,घी ,शहद व फलो के रसों से अभिषेक हुआ। अभिषेक के बाद भांग और चन्दन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रंगार किया गया और भगवान को वस्त्र धारण कराए गए।

इसके बाद बाबा को भस्म चढाई गई। भस्मिभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती की गई। भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते हैं, इसलिए आज महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का माहौल है।