The Duniyadari: छत्तीसगढ़ के धमतरी के ग्रामीण इलाके में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है. हर दिन किसी न किसी गांव वाले को इन कुत्तों का शिकार होना पड़ रहा है. यहां कुत्तों के काटने की घटना अक्सर सामने आती रहती है. मामला धमतरी जिले के अंतिम छोर में बसे बोराई इलाके के मैनपुर गांव का है. यहां आवारा कुत्तों की झुंड ने एक 9 साल की स्कूली छात्रा को अपना शिकार बनाया है.
छात्रा का नाम आन्या नेताम बताया जा रहा है. इन कुत्तों के झुंड ने छात्रा को बुरी तरह नोच डाला. गंभीर हालत को देखते हुए छात्रा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इलाज के दौरान डॉक्टर ने बच्ची को 15 टांके लगाए. घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है. वहीं शुरुआती इलाज के बाद बच्ची की हालत को देखते हुए उसे रायपुर रेफर कर दिया गया है.
दरअसल धमतरी के अंतिम छोर में बसे इस मैनपुर गांव मे कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. बारिश के दिनों में इन आवारा कुत्तों का झुंड ज्यादा देखने को मिलता है. आवारा कुत्तों की नसबंदी नहीं होने के चलते इसका खमियाजा आम लोगो को भुगतना पड़ता है. यही वजह है कि कुत्तों ने 9 साल की छात्रा पर कुत्तों की झुंड टूट पड़ा. यह घटना तब हुई जब आन्या स्कूल की छुट्टि होने के बाद अपने घर के पीछे खेल रही थी. तभी 5 आवारा कुत्तों के झुंड ने आन्या को घेर लिया और उसे नोचने लगे. कुत्तों ने उसके सिर, हाथ और पैरों को नोच डाला, जिससे बच्ची बुरी तरह जख्मी हो गई.
छात्रा की हालत नाजुक
बच्ची की चीख पुकार सुनकर आसपास मौजूद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बच्ची को किसी तरह बचाया. इसके बाद बच्ची को आनन फानन में नगरी के सरकारी अस्पताल पहुचाया गया. जहां पर बच्ची का उपचार होने के बाद हालात में सुधार नहीं होने की वजह से उसे धमतरी जिला अस्पताल में रिफर कराया गया. लेकिन यहां भी बच्ची को बेहतर इलाज नहीं मिल पाया, जिसके चलते उसे डॉक्टरों ने उसे रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में रिफर कर दिया. डॉक्टरो ने बताया कि बच्ची के इलाज के दौरान उसे 15 टांके लगाए हैं. डॉक्टर बताते है कुत्तों के झुंड ने बच्ची को इस कदर जख्मी किया था कि इलाज के दौरान डॉक्टर भी हैरान रह गए.
कुत्ता काटने पर डॉक्टर की सलाह
डॉ अखिलेश देवांगन ने बताया कि कुत्तों के काटने के बाद ब्लीडिंग रोकने के लिए घाव या चोट के आसपास साफ तौलिया लगाएं. घाव के हिस्से को थोड़ा ऊपर उठाकर रखने की कोशिश करें. साबुन और पानी से ध्यानपूर्वक चोट वाले हिस्से को साफ करें. अगर आपके पास एंटीबायोटिक क्रीम है. तो उसे चोट पर लगाएं. घाव पर साफ बैंडेज लगाएं. बैंडेज को लगा रहने दें और पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर के पास लेकर जाएं. दिन में कई बार बैंडेज बदलें. उन्होंने संक्रमण के संकेतो को भी बताते हुए कहा कि जैसे ही लालिमा, सूजन, दर्द और बुखार आदि हो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.