The Duniyadari:कोरबा- साउथ ईस्ट कोल लिमिटेड (SECL) की कुसमुंडा परियोजना के खदान नंबर 29 में कोयले के विशाल ढेर में पिछले एक सप्ताह से आग धधक रही है। कोयले का चूरा और अच्छे कोयले का बड़ा हिस्सा इस आग की चपेट में आ चुका है। आग बुझाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिल पाई है।
कोयले की आग से निकलता धुआं बढ़ा रहा समस्याएं
आग बुझाने के लिए टैंकरों से बड़ी मात्रा में पानी का उपयोग किया जा रहा है। इसके बावजूद कोयले के ढेर से निकलता धुआं और धूल के गुबार क्षेत्र में प्रदूषण का कारण बन रहे हैं। स्थानीय लोग और कर्मचारी इस धुएं से होने वाली परेशानियों की शिकायत कर रहे हैं।
ठंड और ओस भी नहीं रोक पा रही आग
सर्दी के इस मौसम में जब ओस की बूंदें कोयले की परतों पर गिर रही हैं, तब भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोयले में मौजूद तत्वों के कारण आग बुझाना बेहद मुश्किल हो रहा है।
आग बुझाने में जुटा SECL प्रबंधन
SECL का प्रबंधन आग पर काबू पाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। अधिकारियों ने कहा है कि विशेष टीमों को मौके पर तैनात किया गया है, जो आग पर नियंत्रण के लिए काम कर रही हैं।
“आग बुझाने के लिए पानी का इस्तेमाल बढ़ाया जा रहा है और तकनीकी विशेषज्ञों से मदद ली जा रही है,” एक अधिकारी ने बताया।