The Duniyadari: पिथौरा- स्थानीय वन परिक्षेत्र अंतर्गत बुंदेली जंगल में एक चीतल एवं गाय और भिथिडीह जंगल में एक चीतल का शव मिला है। दोनों ही मामले शिकार के प्रतीत हो रहे है। पहले गिरना जंगल में आग से जंगल को भारी नुकसान, इसके बाद एक चीतल की मौत, अब दो और चीतलों की मौत वन अफसरों की कार्यशैली पर प्रश्न खड़े कर रही है।
गिरना जंगल से लगे बुंदेली जंगल में कल एक चीतल मृत अवस्था में मिला है। इसके अलावा एक गाय भी समीप में ही मरी पड़ी मिली है। कुछ ग्रामीण नाम उजागर न करने की शर्त पर बताते है, कि बुंदेली ग्राम के मुहाने स्थित जंगल में प्रतिदिन शिकार की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।
पूर्व में विद्युत करंट से शिकार किया जाता था परन्तु वर्तमान में भीषण गर्मी के कारण वन्य प्राणी पानी की तलाश में भटक रहे हैं, इसलिए शिकारी जंगल में जहां थोड़ा पानी है उसमें यूरिया मिला कर शिकार कर रहे है। यूरिया मिश्रित पानी पीते ही वन्य प्राणी की मौत हो जाती है।
यह मौत जहर खुरानी से हुई है यह दावा भी किया जा रहा है क्योंकि चीतल के शव के पास एक गाय भी मरी पड़ी है जिसके शरीर में करन्ट से जलने के चिन्ह ग्रामीणों ने देखे हैं, परन्तु वनों एवम वन्य प्राणियों की सुरक्षा जिन कंधों पर है वे ही वन अपराध छुपाने के विभिन्न उपाय करते दिख रहे है।