CAA के तहत मिलेगी पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता : विजय शर्मा

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The Duniyadari: रायपुर- पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच उत्पन्न कूटनीतिक तनाव के चलते केंद्र सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का निर्देश जारी किया है। इस फैसले से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत देशभर में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों में चिंता का माहौल बन गया था। हालांकि अब इन अल्पसंख्यकों के लिए राहत की खबर आई है।

छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी भारत में रह सकते हैं, और उन्हें नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत नागरिकता भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि “भारत में शरण लेने आए अल्पसंख्यक हिंदुओं को किसी भी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।”

शदाणी दरबार के संत की अपील पर सरकार ने लिया संज्ञान

इससे पूर्व शदाणी दरबार के नवम पीठाधीश संत डॉ. युधिष्ठिर लाल ने पाकिस्तानी हिंदुओं की स्थिति को लेकर भारत सरकार से सहानुभूतिपूर्ण और न्यायसंगत दृष्टिकोण अपनाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि “पाकिस्तान में हिंदू समुदाय धार्मिक उत्पीड़न का शिकार है। यदि हिंदू अपने ही देश भारत में सुरक्षित शरण नहीं पाएगा, तो फिर और कहां जाएगा?”

संत ने यह भी बताया कि पाकिस्तान से आने वाले अधिकतर हिंदू वैध वीज़ा प्रक्रिया के तहत आते हैं और फिर भी कई बार उन्हें अनावश्यक सख्ती का सामना करना पड़ता है।

रायपुर में 2000 से अधिक पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी

जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में रायपुर में लगभग 2000 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) पर रह रहे हैं। हाल ही में शदाणी दरबार में कुछ निर्धन और प्रताड़ित परिवार भी पाकिस्तान से पहुंचे हैं। संत युधिष्ठिर लाल ने बताया कि LTV प्रक्रिया पूरी होने में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है, और राज्य के उपमुख्यमंत्री ने इसमें सहयोग का आश्वासन भी दिया है।

केंद्र सरकार के फैसले से मिली राहत

अब केंद्र सरकार के हालिया रुख से यह स्पष्ट हो गया है कि CAA के तहत धार्मिक उत्पीड़न झेल रहे पाकिस्तानी हिंदुओं को नागरिकता देने की प्रक्रिया को और अधिक प्राथमिकता और गति दी जाएगी। गृहमंत्री विजय शर्मा का यह बयान उन हजारों शरणार्थियों के लिए राहत की सांस है, जो अपने परिवारों के साथ भारत में स्थायी बसावट की आस लगाए बैठे हैं।

सांप्रदायिक पीड़ा और विस्थापन की मार झेल रहे पाकिस्तानी हिंदुओं को भारत में सम्मानपूर्वक जीवन देने की दिशा में यह निर्णय एक सकारात्मक पहल है। अब न सिर्फ उन्हें आश्रय मिलेगा, बल्कि भारतीय नागरिकता भी प्राप्त हो सकेगी।