The Duniyadari: रायपुर- छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्राहकों के बोनस में हुए 8 करोड़ 21 लाख रुपए के घोटाले को लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस मामले में राज्यपाल को पत्र लिखते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह मामला आदिवासी संग्राहकों के हक पर खुला डाका है और राज्य सरकार की कार्रवाई इस गंभीर आर्थिक अपराध के मामले में बेहद निराशाजनक रही है।
डॉ. महंत ने अपने पत्र में लिखा कि यह घोटाला बस्तर क्षेत्र के सुकमा वनमंडल अंतर्गत 25 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों तथा वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से किया गया है। इस घोटाले से 67,732 आदिवासी संग्राहक परिवारों को उनके प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) से वंचित कर दिया गया।
❝ केवल एक अधिकारी की गिरफ्तारी से नहीं होगा न्याय
नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी बड़ी रकम के गबन के बावजूद अब तक केवल एक अधिकारी को निलंबित और गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने इसे बेहद अपर्याप्त और अपर्याप्तता का परिचायक बताया।
राज्यपाल से की यह मांगें
डॉ. महंत ने राज्यपाल से आग्रह किया कि:
सभी दोषियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1980 के तहत आपराधिक कार्यवाही की जाए।
दोषियों पर सेवा नियमों के अंतर्गत विभागीय कार्रवाई भी की जाए।
गबन की गई पूरी राशि संग्राहकों को वितरित कराई जाए ताकि वे आर्थिक नुकसान से उबर सकें।
नेता प्रतिपक्ष ने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में शीघ्र और कठोर कार्रवाई नहीं होती, तो यह आदिवासी समुदाय के साथ घोर अन्याय होगा और शासन की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े होंगे।