पैरोल पर रिहा किए गए कई कैदी नहीं लौटे जेल, हाईकोर्ट ने डीजी से मांगी रिपोर्ट

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The Duniyadari: रायपुर- कोरोना महामारी के दौरान भीड़ कम करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ की जेलों से पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़े गए सैकड़ों बंदियों में से कई अब तक जेल नहीं लौटे हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने डीजी जेल से शपथ-पत्र के साथ विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

डीजी जेल की ओर से अदालत में दी गई रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की पांच केंद्रीय जेलों—रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अंबिकापुर और जगदलपुर से पैरोल पर रिहा किए गए 83 कैदी निर्धारित समय पर वापसी नहीं किए। इनमें से 10 को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि 3 की मृत्यु हो चुकी है। शेष लगभग 70 कैदी अब भी फरार हैं।

बिलासपुर में सबसे ज्यादा फरारी

बिलासपुर सेंट्रल जेल से 22 और रायपुर से 7 बंदी अब तक लापता हैं। प्रशासन की ओर से परिजनों को कई बार नोटिस देने और FIR दर्ज कराने के बावजूद इनकी वापसी नहीं हो पाई है।

दो दशक से फरार एक बंदी

रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि एक बंदी दिसंबर 2002 से ही पैरोल पर जाने के बाद फरार है। यानी वह 20 से अधिक वर्षों से गायब है। जेल और पुलिस प्रशासन अब तक उसे खोज नहीं पाया है।

गंभीर मामलों में सजा काट रहे थे कई फरार बंदी

अधिकारियों का कहना है कि इन फरार कैदियों में से ज्यादातर हत्या और अन्य गंभीर अपराधों में सजा काट रहे थे, जिससे उनकी गैरहाजिरी कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन सकती है।

अन्य जेलों से छोड़े गए बंदियों का रिकॉर्ड अधूरा

राज्य की 12 जिला और 16 उप जेलों से भी सैकड़ों बंदियों को जमानत पर छोड़ा गया था, लेकिन उनकी संख्या और वर्तमान स्थिति को लेकर जेल विभाग के पास स्पष्ट जानकारी नहीं है। कई बंदियों ने कोर्ट से स्थायी जमानत ले ली है, लेकिन रिकॉर्ड की पारदर्शिता पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।