The Duniyadari: सारंगढ़ बिलाईगढ़– कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे ने गुरुवार को ब्लॉक मुख्यालय बरमकेला में ब्लॉक स्तरीय कार्यों के क्रियान्वयन का समीक्षा किया। उन्होंने विभागवार समीक्षा किया, जिसमें डॉ कन्नौजे का कार्य के प्रति लापरवाही करने वाले अधिकारी कर्मचारी पर सख्त नजर आए।
उन्होंने सभी अधिकारी कर्मचारी को कहा कि अपने कार्यों में तेजी और सुधार लाएं या कार्यवाही के लिए तैयार रहें। राजस्व विभाग के समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जों का पहले चिन्हांकन करें और पटवारी, आरआई, नायब तहसीलदार और तहसीलदार की टीम चिन्हांकित कब्जों को हटाने की कार्रवाई सुनिश्चित करें।
नक्शा-बटांकन, खसराविहीन भूमि का शीघ्र संकलन अद्यतन कार्य में धीमी गति पर कलेक्टर ने सभी पटवारियों को कार्य में तेजी लाने का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने कहा कि लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर ने कहा, जो पटवारी अपने कार्य में लापरवाही बरतेंगे वो कार्रवाई के लिए तैयार रहे।
आपदा पर तत्काल करें आर्थिक सहयोग की कार्रवाई
जिले के किसी स्थान पर आकस्मिक दुर्घटना और प्राकृतिक आपदा आदि की स्थिति में कलेक्टर डॉ संजय ने कहा कि, पटवारी तत्काल फील्ड में जाकर राजस्व के आरबीसी 6-4 के तहत कार्रवाई कर पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक सहयोग देने में अपनी जिम्मेदारी का पालन गंभीरता और संवदेनशीलता के साथ करे। ’कलेक्टर डॉ कन्नौजे ने कहा कि, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी कर्मचारी और पंचायत सचिव आपस में समन्वय करें और नल-जल कनेक्शन का कार्य एक सप्ताह में पूर्ण कर संबंधित पंचायत हैंडओवर दें।
ग्राम पंचायतों में नया आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हुआ है, वहाँ पूर्ववर्ती केंद्रों को शीघ्र “जर्जर” घोषित करें और तोड़कर समतलीकरण करें। कलेक्टर ने ब्लॉक के सभी पंचायत सचिव से ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) की स्थिति की जानकारी ली और लक्ष्य पूर्ति करने के निर्देश दिए।
हॉस्टलों में हो पर्याप्त व्यवस्था
कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे ने आदिवासी विकास विभाग की समीक्षा में कहा कि, जिन छात्रावासों में किसी भी प्रकार की समस्या है, उन्हें प्राथमिकता से ठीक किया जाए। बरसात के मौसम को देखते हुए छात्रावासों में साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करें। सामान्य तौर पर आश्रम छात्रावास गांव शहर की बस्ती से दूर होते हैं इसलिए सांप, बिच्छू, जहरीले कीड़े को भगाने के लिए कीटनाशक दवा का छिड़काव छात्रावास भवन के बाहर करें।
छात्रावासों में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था की जाए, ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो। यदि लाइट बंद होता है तो वैकल्पिक रोशनी के लिए टार्च, चार्जिंग बल्ब आदि की व्यवस्था हो। बच्चों का खाना पूरे उजाले में बने, अंधेरे में नहीं बनना चाहिए। खाने में कीड़े आदि गिरा पाए जाने पर संबंधित पर कार्यवाही होगी। शाम को छात्रावास अधीक्षक बच्चों को छात्रावास परिसर से बाहर निकलने की अनुमति न दें। बालिका छात्रावासों की खिड़कियों में पर्दे लगाने की व्यवस्था की जाए। प्रत्येक छात्रावास में नजदीकी डॉक्टर और थाना प्रभारी का संपर्क नंबर प्रदर्शित किया जाए।
किसी भी बच्चे के बीमार होने पर तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न हो। विभागीय योजना से प्राप्त डॉक्टर से सभी बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच हो। सभी छात्रावासों के बच्चों का निमोनिया परीक्षण अनिवार्य रूप से कराया जाए। इसी तरह किसी प्रकार का पुलिस सहायता की जरूरत हो तो अपने अधिकारी, डायल 112 और थाना प्रभारी को सूचित करें।
समय से पहले स्कूल बंद करने और देरी से आने वाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
स्कूल संकुल समन्वयक की बैठक का आयोजन किया गया। सभी स्कूलों के संचालन की जिम्मेदारी संबंधित संकुल समन्वयकों की होगी। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी स्कूल समय पर खुलें और शिक्षक नियमित रूप से उपस्थित रहें। मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन गुणवत्तापूर्ण और नियमित रूप से किया जाए। बच्चों के बैठने की समुचित और व्यवस्थित व्यवस्था हो।
विद्यालय वातावरण साफ-सुथरा और अनुकूल हो। जिस भी विद्यालय का निरीक्षण किया जाए, वहाँ निरीक्षण पंजी में स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाए। सामान्य निरीक्षण में विद्यालय की समग्र स्थिति का विवरण अनिवार्य रूप से लिखा जाए। कक्षा 5 के सभी बच्चों का जवाहर नवोदय विद्यालय एवं सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा के लिए पंजीयन करवाया जाए। वर्षा ऋतु में किसी भी जर्जर भवन में विद्यालय का संचालन न किया जाए। छात्रों की सुरक्षा सर्वाेपरि है। ऐसे शिक्षक जो लगातार 7 दिन से अनुपस्थित हैं और कोई शिक्षक विद्यालय परिसर में नशे की अवस्था में पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध तत्काल नोटिस व अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए।
स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षारोपण कार्यक्रम को प्राथमिकता दी जाए। विद्यार्थियों के स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु विद्यालय स्तर पर विशेष शिविर आयोजित किए जाएं। साथ ही नवाचार आधारित शिक्षण पद्धतियों को अपनाकर छात्रों को रुचिकर तरीके से शिक्षा दी जाए। कलेक्टर ने कहा कि समय से पहले स्कूल बंद करने और देरी से आने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होगी।