The Duniyadari: रायपुर– आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों और महिलाओं के लिए सप्लाई किए गए घटिया सामान की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छह सप्लाई एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इन एजेंसियों पर खराब गुणवत्ता का सामान सप्लाई करने का आरोप है।
राज्य स्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर जिन एजेंसियों पर कार्रवाई हुई है, वे हैं मेसर्स नमो इंटरप्राईजेस, मेसर्स आयुष मेटल, मेसर्स अर्बन सप्लायर्स, मेसर्स मनीधारी सेल्स, मेसर्स ओरिएंटल सेल्स और मेसर्स सोनचिरिया कॉर्पोरेशन।
इन एजेंसियों को GeM पोर्टल से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और भविष्य में ये किसी भी शासकीय सप्लाई के लिए अयोग्य रहेंगी। विभाग ने स्पष्ट किया कि घटिया सामान की सप्लाई पर कोई भुगतान नहीं किया गया और एजेंसियों से सामान वापस लेकर मानकों के अनुसार सामग्री उपलब्ध कराई गई है।
जांच समिति में शामिल रहे विशेषज्ञ
जांच समिति में संयुक्त संचालक (वित्त), CSIDC और GEC रायपुर के प्रतिनिधियों के साथ-साथ दो तकनीकी निरीक्षण एजेंसियों SGS इंडिया और IRCLASS सिस्टम्स के विशेषज्ञ शामिल थे। समिति ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जशपुर, सरगुजा और जांजगीर-चांपा जिलों में जाकर भौतिक परीक्षण कर रिपोर्ट सौंपी।
क्या-क्या गड़बड़ियां मिलीं:
अनाज कोठी BIS मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई।
स्टील ट्रे की साइज और वजन में अंतर
तवा और कढ़ाई की गुणवत्ता बेहद कम
कुछ टेबल असेंबल नहीं हुए, जिन्हें बाद में ठीक कराया गया
विभाग की सफाई
विभाग ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2024-25 में जेम पोर्टल के माध्यम से 23.44 करोड़ रुपये की सामग्री खरीदी गई थी, न कि 40 करोड़ जैसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। साथ ही यह भी बताया कि सारी प्रक्रिया पारदर्शी रही और भुगतान केवल गुणवत्ता जांच के बाद ही किया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग की इस सख्त कार्रवाई से यह साफ है कि बच्चों और महिलाओं के पोषण और सुविधा से किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।