The Duniyadari कोरबा। जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने सीएसईबी और राखड़ ठेकेदारों की कथित मिलीभगत को उजागर कर दिया है। आरोप है कि पंडरीपानी गांव निवासी आदिवासी युवक इंद्रपाल सिंह कंवर का अपहरण कर उसे बेरहमी से पीटा गया और अधमरे हाल में सड़क किनारे छोड़ दिया गया।
काम कर रहे युवक पर हमला
जानकारी के मुताबिक, इंद्रपाल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक मकान की नापी कर रहा था। तभी सीएसईबी का कर्मचारी नंदू पटेल, हेमस कॉर्पोरेशन का सुपरवाइजर और अन्य साथी वहां पहुंचे। बिना किसी कारण पहले युवक की पिटाई की गई और फिर उसे जबरन एक स्कॉर्पियो वाहन में डालकर ले जाया गया।
कार्यालय में ले जाकर मारपीट, फिर सड़क पर छोड़ा
पीड़ित का कहना है कि रास्तेभर उसका चेहरा ढककर लगातार पीटा गया। इसके बाद उसे शारदा विहार स्थित एक दफ्तर में ले जाया गया, जहां फिर से मारपीट की गई। बाद में ढेलवाडीह मार्ग पर उसे फेंकते हुए धमकी दी गई कि शिकायत करने पर ट्रक से कुचलवा दिया जाएगा।
गड़बड़ी उजागर करने की वजह से रंजिश?
हमले में शामिल नामजद आरोपियों में नंदू पटेल, दुरेंद्र पटेल, राजू पटेल और हेमस कॉर्पोरेशन का सुपरवाइजर शामिल बताए गए हैं। माना जा रहा है कि घटना के पीछे पुरानी रंजिश हो सकती है। इंद्रपाल ने कुछ समय पहले गोढ़ी स्थित सीएसईबी राखड़ डेम में हो रही गड़बड़ियों की शिकायत की थी
सीएसईबी कर्मचारी पर गंभीर आरोप
स्थानीय लोगों का कहना है कि नंदू पटेल लंबे समय से राखड़ मैनेजमेंट पर दबदबा बनाए हुए है। उस पर बोगस बिलिंग कराने और गुंडागर्दी के सहारे अपना नेटवर्क चलाने का आरोप है। वहीं, हेमस कॉर्पोरेशन का नाम पहले भी बड़े राखड़ घोटाले में सामने आ चुका है।
कार्रवाई की मांग
पीड़ित ने सिविल लाइन थाना पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराई है। मामले के बाद ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि जब एक सरकारी कर्मचारी खुलेआम माफियाई तौर-तरीकों से काम कर रहा है, तो प्रशासन चुप क्यों है? अब सबकी नज़र पुलिस की कार्रवाई पर टिकी है।
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