The Duniyadari :
टिकरापारा थाना क्षेत्र (रायपुर)। राजधानी के पुलिस अधिकारी डीएसपी याकूब मेमन ने 12 सितंबर को टिकरापारा थाने में एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज करवाई है। शिकायत में मेमन ने आरोप लगाया है कि नवा रायपुर स्थित उनके मकान में किराएदार के रूप में रहने वाली एक महिला और उसके पति ने पहले भरोसा बनाकर उनसे दोस्ती की, फिर कथित तौर पर फोटो-वीडियो बना कर उन्हें निशाना बनाया और 1.5 लाख रुपये की मांग कर वसूल किए।
पूरा मामला — शिकायत क्या कहती है
डीएसपी की शिकायत के मुताबिक शुरुआत में महिला ने अपने पति के इलाज आदि के बहाने मदद मांगी और धीरे-धीरे उनके साथ व्यक्तिगत संपर्क बढ़ा। बाद में महिला ने कुछ फोटो और वीडियो बनाकर उन्हें नाजुक स्थिति में दिखाने की धमकी देनी शुरू कर दी। शिकायत में दावा किया गया है कि महिला ने नकद और ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन के जरिए डेढ़ लाख रुपए उनसे वसूल कराए और अब वह मकान पर अपना अधिकार जताने के लिए दबाव डाल रही है।
शिकायत में दर्ज किए गए सबूतों में एक पेन-ड्राइव और लेन-देन के रिकॉर्ड का हवाला दिया गया है, जिन्हें डीएसपी ने पुलिस को सौंपा है। उन्होंने लिखा है कि महिला बार-बार मानसिक और आर्थिक रूप से उन्हें परेशान कर रही है और यदि मकान उसके नाम नहीं करवाया गया तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा देने की धमकी दी जा रही है — इसी के आधार पर उन्होंने पुलिस से मदद मांगी है।
पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच की दिशा
टिकरापारा थाना पुलिस ने शिकायत मिलने पर मामला दर्ज कर लिया है और इसकी प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार अब महिला और उसके पति से पूछताछ की जाएगी तथा डीएसपी द्वारा प्रस्तुत किए गए डिजिटल और वित्तीय दस्तावेजों की प्रमाणिकता जाँची जाएगी। अभी तक किसी निष्कर्ष पर पहुँचा नहीं गया है और दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
कानूनी पहलू — निष्पक्ष जांच जरूरी
किसी पर भी आरोप सिद्ध होने तक वह दोषी नहीं माना जाएगा; फिलहाल मामला धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग (आरोप अनुसार) व लेन-देन से जुड़ी जांच के तौर पर दर्ज है। जांच एजेंसी को डिजिटल सबूतों की फोरेंसिक जाँच, बैंक ट्रांज़ैक्शन-लॉग और गवाहों के बयानों का परीक्षण करना होगा।
आगे क्या होगा
पुलिस का कहना है कि यदि दस्तावेज़ों और पूछताछ से आरोप पुष्ट होते हैं तो आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी; वहीं, यदि शिकायत में विरोधाभास मिलता है तो अलग दिशा में भी कदम उठाए जा सकते हैं। दोनों पक्षों के बयान और सबूतों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय होगी।