राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ को लेकर उठाया बड़ा आरोप, सीईसी को किया निशाना

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The Duniyadari : राहुल गांधी ने कहा कि मौजूदा चुनाव प्रक्रिया में “वोट चोरों” को संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार पर ये आरोप लगाया कि वे उन लोगों की सुरक्षा कर रहे हैं जिन्होंने लोकतंत्र की नींव हिला दी है।  

एक खास उदाहरण के रूप में उन्होंने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र का ज़िक्र किया, जहां उन्होंने दावा किया कि अकेले वहाँ से 6,018 वोट हटा दिए गए। यह घटना बूथ-स्तर की कार्यवाही के दौरान सामने आई जब एक बूथ अधिकारी ने अपने चाचा का वोट हटाए जाने की जानकारी पाई।  

  • राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि वोटों को हटाना एक केंद्रीकृत और सॉफ़्टवेयर-आधारित प्रक्रिया थी, न कि व्यक्तिगत स्तर पर। उन्होंने बताया कि मणिपुलेशन में राज्यों से बाहर के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल और OTP सहित अन्य डेटा का दुरुपयोग हुआ है।  
  • उन समुदायों का हवाला दिया गया है जो अक्सर विपक्ष को वोट देते हैं — दलित, आदिवासी, OBC, धार्मिक अल्पसंख्यक — यह आरोप लगाया गया कि इन्हीं समूहों की वोटिंग सूची से जानबूझकर वोट हटाए गए।  
  • राहुल गांधी ने कहा कि यह अभी “H-बॉम्ब” नहीं है — यह सिर्फ एक स्टेप है उनकी कई खुलासों की श्रृंखला में। उन्होंने चुनाव आयोग से एक हफ़्ते के अंदर वोट डिलीशन से जुड़े फोन-डेटा, OTP रिकॉर्ड्स आदि सार्वजनिक करने की मांग की है।  

प्रतिक्रिया और आगे की आशाएँ:

  • कांग्रेस ने कहा कि ये सबूत “ब्लैक और व्हाइट” हैं — यानि स्पष्ट-पुख्ता — जिससे दावा मजबूत होता है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है।  
  • राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ये आरोप चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता और लोकतांत्रिक संस्थाओं की निष्पक्षता पर बड़ा सवाल उठाते हैं। यदि सबूत सार्वजनिक हो जाएं तो यह केंद्र और चुनाव आयोग के लिए दबाव बढ़ाएगा।
  • सरकार/चुनाव आयोग से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है जो इन दावों का खंडन करे। देखा जाना है कि राहुल गांधी द्वारा मांगी गई जानकारी कितनी तेजी से जारी होती है और जनता इसे कितनी गंभीरता से लेती है।