शराब घोटाला: हाईकोर्ट से झटका, EOW ने चैतन्य बघेल को किया गिरफ्तार, 6 अक्टूबर तक रिमांड

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The Duniyadari : रायपुर ।छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को बड़ी कानूनी परेशानी का सामना करना पड़ा है। हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया, जिसके बाद रायपुर की विशेष अदालत में पेशी के दौरान ACB-EOW ने उन्हें गिरफ्तार कर 6 अक्टूबर तक की रिमांड पर भेज दिया।

अब जांच एजेंसियां उनसे पूछताछ कर वित्तीय लेन-देन, कथित फर्जी निवेश और ब्लैक मनी को सफेद करने के तरीकों से जुड़े दस्तावेज जुटाने पर जोर देंगी। अधिकारियों का मानना है कि रिमांड अवधि में कई और नाम तथा आर्थिक कड़ियां उजागर हो सकती हैं।

इससे पहले भी चैतन्य ने अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने ‘लिबर्टी के साथ’ खारिज किया था। गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी एक और याचिका पर जस्टिस अरविंद वर्मा की एकल पीठ ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

ED का आरोप है कि घोटाले की रकम से चैतन्य बघेल को करीब 16.70 करोड़ रुपये हासिल हुए और इस धन को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में लगाया गया। जांच में यह भी सामने आया है कि शराब कारोबार से जुड़े सिंडिकेट ने करीब 1000 करोड़ रुपये की अवैध हेराफेरी की और कुल घोटाला 2000 करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है।

ईडी और एसीबी-ईओडब्ल्यू की संयुक्त पड़ताल में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि यह नेटवर्क आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर की मिलीभगत से चला। आरोप है कि चैतन्य ने सिर्फ पैसे लेने-देने तक सीमित भूमिका नहीं निभाई, बल्कि निवेश और सिंडिकेट के कामकाज में सक्रिय तौर पर शामिल रहे।

विशेष अदालत ने जांच एजेंसी को यह भी निर्देश दिया है कि यह परखा जाए कि क्या आरोपी ने सबूत मिटाने या अन्य लोगों को बचाने की कोशिश की है।

इस गिरफ्तारी से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्ष जहां इसे “घोटाले पर सख्त कार्रवाई” बता रहा है, वहीं प्रशासन जनता को भरोसा दिला रहा है कि राजनीतिक हैसियत से ऊपर उठकर हर आरोपी पर समान कानूनी कार्रवाई होगी।