शांति का रास्ता अपनाने वाले को हिंसा का दोषी कैसे?” – वांगचुक की पत्नी ने लगाए गए सभी आरोप किए खारिज

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The Duniyadari :  लेह में हाल ही में भड़की हिंसा और उसके बाद जेल में बंद क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को लेकर नया विवाद गहराता जा रहा है। वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. आंग्मो ने साफ कहा है कि उनके पति के खिलाफ लगाए जा रहे पाकिस्तानी कनेक्शन और वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप पूरी तरह निराधार हैं। उन्होंने कहा कि वांगचुक हमेशा गांधीवादी और शांतिपूर्ण तरीकों से आंदोलन करते आए हैं और उन्हें हिंसा का जिम्मेदार ठहराना भ्रामक है।

गौरतलब है कि लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए आंदोलन के दौरान लेह में हिंसा भड़क गई थी। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई और करीब 90 लोग घायल हुए। इसके बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए वांगचुक को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत हिरासत में लेकर राजस्थान की जोधपुर जेल भेज दिया।

गीतांजलि आंग्मो ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद से उनका पति से कोई संपर्क नहीं हो पाया है और अभी तक हिरासत आदेश की कॉपी भी नहीं दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आंदोलन के दौरान हालात बिगड़ने की असली वजह सीआरपीएफ की आंसू गैस कार्रवाई थी, न कि वांगचुक की अपील।

लद्दाख पुलिस प्रमुख ने दावा किया था कि वांगचुक के खिलाफ पाकिस्तानी लिंक की जांच चल रही है। इस पर गीतांजलि ने सफाई दी कि उनकी पाकिस्तान यात्रा पेशेवर और जलवायु परिवर्तन से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए थी, जिसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति भारतीय सेना के लिए शेल्टर बनाता है और चीनी सामान के बहिष्कार की अपील करता है, उसे देशद्रोही कहना सरासर अन्याय है।

वित्तीय अनियमितताओं पर भी उन्होंने साफ किया कि हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लर्निंग (HIAL) की फंडिंग किसी दान पर आधारित नहीं, बल्कि तकनीकी सेवाओं के भुगतान के रूप में होती है। संस्था छात्रों से कोई फीस नहीं लेती और नवाचारों से ही संचालन करती है।

गीतांजलि ने कहा कि वांगचुक विकास के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि वे “माइंडफुल डेवलपमेंट” यानी स्थानीय लोगों की भागीदारी वाले विकास मॉडल की पैरवी करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने जानबूझकर संस्थानों पर सवाल उठाने और लाइसेंस रद्द करने जैसे कदम उठाए हैं।