शराब घोटाला केस में बड़ा अपडेट: चैतन्य बघेल को नहीं मिली राहत, अब जेल में रहेंगे 13 अक्टूबर तक

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The Duniyadari : रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को राहत नहीं मिली है। राजधानी रायपुर स्थित ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) की विशेष अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने सुनवाई के बाद चैतन्य को 13 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया है। इससे पहले सोमवार को उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया था।

जानकारी के अनुसार, ईओडब्ल्यू ने चैतन्य बघेल से 14 दिन की हिरासत में पूछताछ पूरी कर ली है। जांच एजेंसी का कहना है कि अब भी मामले की गहराई से जांच जारी है और ईडी-ईओडब्ल्यू 90 दिनों में जांच रिपोर्ट पूरी करेगी।

गौरतलब है कि ईडी ने 18 जुलाई, यानी चैतन्य बघेल के जन्मदिन के दिन, उन्हें भिलाई स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत की गई थी। शराब घोटाले की जांच एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इस घोटाले से राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ और करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई संबंधित लोगों के पास पहुंचाई गई।

ईडी की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से लगभग 16.70 करोड़ रुपये नकद मिले थे। बताया गया कि यह राशि उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों में निवेश की और ठेकेदारों को नकद भुगतान के रूप में इस्तेमाल किया। जांच में यह भी पाया गया कि उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलीभगत कर अपनी कंपनी के नाम पर फर्जी लेन-देन दिखाते हुए करीब 5 करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त किए।

शराब घोटाले में पहले ही कई बड़े चेहरे गिरफ्त में हैं, जिनमें पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक कवासी लखमा शामिल हैं। मामले की जांच फिलहाल जारी है।