The Duniyadari :कोरबा। जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुक्रवार देर रात सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा हो गया, जब ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर एक मरीज की पत्नी के साथ बदसलूकी और मारपीट के आरोप लगे। घटना के बाद मरीजों और परिजनों में भारी नाराजगी देखने को मिली।
जानकारी के अनुसार, कोरबा निवासी 55 वर्षीय कालीचरण बंजारे पुरुष वार्ड में भर्ती हैं, जबकि उनकी नाबालिग बेटी महिला वार्ड में इलाजरत है। दोनों की देखभाल उनकी पत्नी ऋषि बंजारे कर रही थीं। देर रात जब वह बेटी की हालत देखने महिला वार्ड की ओर जा रही थीं, तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका और ऊपर-नीचे आने पर सवाल उठाया। महिला का कहना है कि उसने अपनी मजबूरी बताई, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने बात सुनने के बजाय उसके साथ धक्का-मुक्की की और बाल पकड़कर मारपीट की।
शोर सुनकर कालीचरण बंजारे वार्ड से बाहर आए और बीच-बचाव करने लगे। इस दौरान एक सुरक्षाकर्मी ने उनकी सलाइन की नीडल खींच दी, जिससे उनके हाथ से खून बहने लगा। घटना के बाद महिला को भी चक्कर आ गया और उनका रक्तचाप बढ़ गया। परिजनों ने तत्काल अस्पताल प्रशासन से शिकायत की।
कालीचरण के बेटे आयुष बंजारे ने बताया कि “मां सिर्फ अपनी बेटी को देखने जा रही थीं, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें धक्का दे दिया। जब पिता बीच में आए तो उन्हें भी घायल कर दिया गया।”
घटना के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। परिजनों और अन्य मरीजों ने सुरक्षा कर्मचारियों के व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई और तत्काल कार्रवाई की मांग की। अस्पताल प्रशासन ने मामले की रिपोर्ट जिला स्वास्थ्य अधिकारी को भेजी है और जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, घटना में शामिल सुरक्षाकर्मी कामथेंन कंपनी के कर्मचारी हैं। यह कंपनी जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुरक्षा का ठेका संभाल रही है, जिसके तहत करीब 100 से अधिक गार्ड तैनात हैं। बताया जा रहा है कि ठेके की राशि करोड़ों रुपये में है।
अस्पताल के कुछ स्टाफ सदस्यों ने बताया कि यह पहला मामला नहीं है — पहले भी कई बार सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ दुर्व्यवहार की शिकायतें हो चुकी हैं, लेकिन ठेकेदार कंपनी और प्रबंधन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
स्थानीय लोगों ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जहां मरीजों की सुविधा की बात की जाती है, वहीं सुरक्षाकर्मियों का हिंसक रवैया पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर रहा है।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। वहीं, ठेका कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि वे “अभी छुट्टी पर हैं” और मामले की जानकारी सुपरवाइजर से ली जाएगी।
इस घटना के बाद मरीजों और उनके परिजनों में डर का माहौल है। पीड़ित परिवार ने चेतावनी दी है कि अगर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे उच्चाधिकारियों से शिकायत करेंगे और मीडिया के माध्यम से न्याय की मांग उठाएंगे।




























