बलरामपुर प्रशासन का एक्शन मोड: अवैध धान परिवहन पर कसा शिकंजा, 3450 बोरी जब्त

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The Duniyadari : बलरामपुर। आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान खरीदी शुरू होने से पहले ही बलरामपुर जिला प्रशासन ने सख्ती का रुख अपना लिया है। अवैध धान के परिवहन और भंडारण को रोकने के लिए जारी विशेष अभियान में अब तक करीब 3450 बोरी (लगभग 1380 क्विंटल) धान जब्त किया गया है। साथ ही चार वाहनों को पुलिस ने कब्जे में लिया है। इस कार्रवाई से जिले के अवैध कारोबारियों और बिचौलियों में हड़कंप मच गया है।

 

धान खरीदी 15 नवंबर से, पारदर्शिता पर फोकस

शासन के निर्देशानुसार प्रदेशभर में 15 नवंबर 2025 से धान खरीदी प्रक्रिया प्रारंभ होगी। इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने कहा कि इस बार खरीदी प्रक्रिया को “पूरी तरह पारदर्शी और व्यवस्थित” बनाया जाएगा। किसी भी सूरत में अन्य राज्यों से धान की अवैध आमद बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और उड़नदस्ता दलों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

 

सीमावर्ती क्षेत्रों में कड़ी चौकसी

बलरामपुर जिला झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमाओं से लगा हुआ है, जिसके चलते प्रशासन ने सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी है।

कलेक्टर ने आदेश दिया है कि नाका चौकियों और चेकपोस्टों पर 24 घंटे पुलिस-राजस्व दलों की तैनाती रहे। किसी भी संदिग्ध वाहन या धान से लदे ट्रक की तत्काल जांच और जब्ती सुनिश्चित की जाए।

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उड़नदस्ता दल की निरंतर कार्रवाई

कलेक्टर के आदेश पर गठित उड़नदस्ता दल लगातार भ्रमण कर कार्रवाई कर रहे हैं। अब तक जब्त किए गए सभी धानों को मंडी अधिनियम के तहत वैधानिक प्रक्रिया के अनुसार सील कर दिया गया है।

जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि अवैध धान के परिवहन, खरीद या भंडारण में लिप्त पाए जाने पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई दोनों की जाएगी।

 

किसानों और नागरिकों से अपील

प्रशासन ने आम नागरिकों और किसानों से अपील की है कि यदि कहीं भी अवैध धान की खरीद-बिक्री या भंडारण की जानकारी मिले, तो तुरंत राजस्व या पुलिस विभाग को सूचित करें।

प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।

इसके साथ यह भी स्पष्ट किया गया है कि केवल पंजीकृत किसानों का धान ही समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा।

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नियम उल्लंघन पर आपराधिक कार्रवाई तय

कलेक्टर कटारा ने साफ किया कि किसी भी बिचौलिये या व्यापारी द्वारा किसानों के नाम पर धान बेचने की कोशिश को आपराधिक अपराध माना जाएगा। उन्होंने कहा —

प्रदेश सरकार का उद्देश्य किसानों को उचित मूल्य दिलाना है, न कि अवैध कारोबारियों को लाभ देना।”

 

सख्त रुख से बढ़ा किसानों का भरोसा

प्रशासनिक सक्रियता से किसानों के बीच भरोसा बढ़ा है कि इस बार खरीदी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी रहेगी। वहीं, धान माफिया और बिचौलियों में खौफ का माहौल है।

बलरामपुर प्रशासन की यह पहल आगामी खरीदी सीजन की साख और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।