महासमुंद में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या, चार आरोपी गिरफ्तार — पैसे की मांग से जुड़ा खौफनाक मामला

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The Duniyadari : महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। चोरी के शक में एक दलित युवक की बेरहमी से पिटाई कर हत्या कर दी गई। घटना ग्राम पतेरापाली की है, जहाँ 26 अक्टूबर को युवक का शव मुक्तिधाम के पास मिला। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार युवकों को गिरफ्तार किया है।

 

तीन घंटे तक बंधक, 25 हजार की फिरौती की मांग

जांच में पता चला कि मृतक की पहचान कौशल सहिस (निवासी मोहबा, बागबाहरा) के रूप में हुई। उसे केबल चोरी के शक में गांव के कुछ युवकों ने पकड़ लिया था।

सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने युवक के दोनों हाथ बांधकर तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा और उसके परिवार से ₹25,000 छोड़ौती (रिहाई रकम) मांगी। जब परिजन रकम देने में असमर्थ रहे, तो आरोपियों ने उसकी निर्दयतापूर्वक पिटाई की। बाद में उसे मुक्तिधाम के पास फेंक दिया गया, जहाँ अगली सुबह उसका शव बरामद हुआ।

 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जहाँ रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि युवक की मौत शरीर पर लगी गंभीर चोटों और अत्यधिक मारपीट से हुई है।

जांच के बाद पुलिस ने हेमंत चन्द्राकर, मनीष चन्द्राकर, अंकित चन्द्राकर और लोकेश चन्द्राकर नामक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 127(7), 308(2), 115(2), 105 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

 

पुलिस का बयान — “जातीय पहलू की भी जांच जारी”

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिभा पांडेय ने बताया कि मामला केवल हत्या या मारपीट तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें दलित उत्पीड़न का पहलू भी देखा जा रहा है।

उन्होंने कहा —

“मृतक को चोरी के संदेह में पकड़ा गया, उसे बांधकर पीटा गया और परिजनों से पैसे की मांग की गई। यह कृत्य न केवल हिंसक बल्कि सामाजिक दृष्टि से अत्यंत घृणित है।”

सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।

 

गांव में तनाव, अतिरिक्त बल तैनात

घटना के बाद ग्राम पतेरापाली और आसपास के क्षेत्रों में तनाव की स्थिति है। पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया है।

स्थानीय सामाजिक संगठनों ने इस घटना की तीखी निंदा करते हुए कहा कि यह केवल हत्या नहीं बल्कि दलित समुदाय के प्रति घोर अन्याय है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कठोरतम सजा की मांग की है।

 

फॉरेंसिक जांच और कॉल रिकॉर्ड की पड़ताल जारी

पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ-साथ फॉरेंसिक जांच, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और मोबाइल डेटा की भी पड़ताल जारी है। इससे यह पुष्टि की जाएगी कि रकम की मांग और धमकी कैसे दी गई थी।

अधिकारियों का कहना है कि यह मामला कानून व्यवस्था और सामाजिक संवेदनशीलता दोनों की परीक्षा है, और इसमें शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।

समाज में रोष, प्रशासन अलर्ट

इस घटना ने पूरे जिले में आक्रोश फैला दिया है। प्रशासन ने कहा है कि न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर कानूनी कार्रवाई तेज़ की जाएगी।

यह दर्दनाक मामला न केवल अपराध की क्रूरता को उजागर करता है बल्कि समाज में मौजूद जातीय पूर्वाग्रह और हिंसा की मानसिकता पर भी गहरा सवाल खड़ा करता है।