BEO बांट रहे अधूरा ज्ञान…कानून सीखने के फेर में धाराओं को उल्टा…

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जांजगीर।पामगढ़ बीईओ ने शासकीय कर्मचारियों को सुरक्षा देने के लिए बनाए गए कानून की जानकारी देने कार्यालय में एक बोर्ड लगाया है। जानकारी के हिसाब से यह एक अच्छी पहल है मगर इस बोर्ड में भारतीय दंड विधान की धाराओं को गलत लिख दिया गया है। इससे लोगों को जानकारी मिलने के बजाय वे गुमराह ज्यादा हो रहे हैं।

बीईओ कार्यालय में लगे इस बोर्ड में धारा 354 को कर्मचारियों के कार्य में रुकावट डालने की धारा बताई गई है। जबकि यह महिलाओं के साथ छेड़खानी के आरोप की धारा है। इसी तरह धारा 420 को कार्यालय में जबरदस्ती प्रवेश करने पर लगने वाली धारा बताई गई है और इसके लिए 2 वर्ष का कारावास का प्राविधान बताया गया है। जबकि यह धोखाधड़ी की धारा है और इसमें 7 वर्ष तक सजा का प्रविधान है। धारा 949 व 943 को अनाधिकृत व्यक्ति का जमाव बताया गया है जबकि इसके लिए 147, 148 धारा दंड संहिता में निर्धारित है। सरकारी कार्यालय में बल और हिंसा के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 949 व 994 के तहत 6 वर्ष की सजा का प्रविधान बताया गया है जबकि संहिता में इतनी धाराएं ही नही है। भारतीय दंड संहिता में मात्र 511 धाराएं हैं। ऐसे में कानून सिखाने के च-र में बीईओ साहब ने इतनी धाराओं का उल्लेख बोर्ड में किया है जितनी धाराएं भारतीय दंड संहिता में है ही नहीं। जानकार लोग इसे पढ़कर बीईओ के ज्ञान स्तर पर अचरज कर रहे हैं। वही जो नहीं जानते वे इसे ही सही कानून समझकर बीईओ की सराहना भी कर रहे हैं। इस तरह कार्यालय के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून की जानकारी व प्रचार प्रसार करने के फेर में बीईओ लोगों को गलत जानकारी दे रहे हैं।