ये सरकारी सिस्टम का मारा बुजुर्ग बेचारा, खुद को जिंदा साबित करने कोर्ट पहुंचते ही वृद्ध ने तोड़ दिया दम …

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न्यूज डेस्क।भारत देश में सरकारी सिस्टम कितना लाचार है ये हम सभी अच्छे तरीके से जानते हैं। न्याय पाने वाले न्यायालय का दरवाजा खटखटाते रह जाते हैं लेकिन जब उनका नंबर आता है उनकी मौत हो जाती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां एक बुजुर्ग कई सालों से खुद को जिंदा साबित करने के लिए लड़ाई लड़ता रहा लेकिन उनकी सुनवाई का नंबर आने पर वे कोर्ट पहुंचे और वहां मौजूद सभी लोगों के बीच में उन्होंने दम तोड़ दिया।

पूरी घटना यूपी के संत कबीरनगर की है जहां धनघटा तहसील के कोड़रा गांव में 2016 में फेरई नाम के व्यक्ति की मौत हुई थी। फेरई तब 90 साल के थे। तहसील के कर्मचारियों ने उनके छोटे भाई खेलई को मृत बता दिया। खेलई ने एसडीएम, तहसीलदार सबके सामने खड़े होकर बताया कि वे जिंदा हैं और बड़े भाई की मौत हुई है, लेकिन कोई मानने के लिए तैयार ही नहीं था।

खेलई ने खुद को जिंदा साबित करने के लिए 6 सालों तक संघर्ष किया। पहले तो कोई भी उनकी बात सुनने के लिए ही तैयार नहीं था, अगर कोई मानता भी तो कमजोर सिस्टम की वजह से उन्हें बाद के दिनों की तारीख दी जाती और बार-बार कोर्ट कचहरी के चककर कटवाए जाते। उन्हें हाल ही में बुधवार को तहसील आकर बयान दर्ज करवाने के लिए कहा गया लेकिन जैसे ही उनका नंबर आया उनकी तबियत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई।

अब जब आधिकारिक रुप से उनकी मृत्यु हो गई तब सिस्टम पर और फरियादियों को मिलने वाले न्याय पर सवाल उठने शुरु हो गए। एसडीएम और जिम्मेदारों से इस बारे में अब सवाल होने शुरु हो गए। आपको बता दें, ये कोई पहला मामला नहीं है। ऐसे कई मामले हमने देखे हैं जहां लाचार और सुस्त सिस्टम के आगे फरियादी न्याय के लिए तरसता ही रहा है।