रायपुर/कांकेर। Mission 2023: छत्तीसगढ़ में इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ऐलान किया है कि सर्व आदिवासी समाज की ओर से प्रदेश की 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारे जाएंगे।
नेताम ने कहा, हमारी नई पीढ़ी मैदान में उतरेगी, आदिवासी परेशान हो रहे, उन्हें न्याय दिलाने के लिए चुनाव ही एक मात्र जरीया है। उन्होंने कहा कि हमें पक्ष और विपक्ष दोनों पर भरोसा नहीं रहा।
आने वाले विधानसभा चुनाव में सर्व आदिवासी समाज के उम्मीदवारों के चुनाव में उतरने के सवाल पर नेताम ने कहा कि इस प्रदेश में कानूनी अधिकारों का पालन नहीं हो रहा है। जिसकी वजह से पिछले 15 सालों से कुछ न कुछ आंदोलन हो रहे हैं। लेकिन, सुनवाई नहीं हो रही है। न्याय नहीं मिल रहा। इसलिए अब हमने अपनी लड़ाई खुद लड़ने का फैसला लिया है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि, पूरे छत्तीसगढ़ में कुल 30 से 50 सीटों पर हम अपने प्रत्याशी उतारेंगे। अभी चेहरे तय नहीं हैं। इसकी तैयारी चल रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मौजूदा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पेसा कानून को बर्बाद कर रहे। सिलगेर के आदिवासियों को न्याय नहीं दिला पाए।
झीरम की घटना पर सिर्फ सिर्फ राजनीति
नेताम ने कहा, झीरम की घटना पर सिर्फ दल सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। राजनीति ज्यादा हो रही है। और जांच कम हो रही है। इस प्रदेश में कानूनी अधिकारों का पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने सिलगेर आंदोलन और परसा कोल ब्लाक को लेकर भी आदिवासी समाज की नाराजगी पर भी अपनी बात रखी।
समाज के अधिकारों के लिए कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के संविधान में हमारे अधिकारों की व्याख्या है। कई कानून बने हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों के शासनकाल में कानून के उल्टा काम हुआ है। आखिर अब समाज जाएगा कहां? कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा। इसलिए चुनाव लड़ना ही अब तरीका बचा है।