कोरबा। कोयला डिस्पैच के सभी रिकार्ड ब्रेक करते हुए एसईसीएल ने गुरुवार को एक नया कीर्तिमान कायम किया है। कंपनी के सृजन यानि स्थापना के बाद से लेकर अब तक की स्थिति में हासिल की गई यह सबसे तेज सफलता है। एसईसीएल ने सबसे क्विक-50 का यह नया इतिहास रचते हुए सभी बाउंड्री ध्वस्त कर दिए और कोयला डिस्पैच 50 मिलियन टन के पार भेज दिया है।
एसईसीएल प्रबंधन में अब तक के सबसे तेज गति से 50 मिलियन टन प्रेषण का कीर्तिमान स्थापित होने से हर्ष का वातावरण है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 23-24 में अब तक 50 मिलियन टन कोयला डिस्पैच हासिल कर लिया है। कंपनी की स्थापना के बाद से यह अभी तक का सबसे कम समय में हासिल किया गया 50 एमटी डिस्पैच का आंकड़ा है। पिछले वर्ष कंपनी ने समान अवधि में लगभग 44 मिलियन टन कोयला डिस्पैच किया था और इस प्रकार इस वित्तीय वर्ष में कंपनी ने 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। उपरोक्त में सर्वाधिक 40 मिलियन टन कोयला पावर सेक्टर को डिस्पैच किया गया है। गर्मी के मौसम में विद्युत संयन्त्रों को रिकॉर्ड कोयले की आपूर्ति की गई जिससे पावर प्लांट्स में कोयले की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित हो सकी है। जनसम्पर्क अधिकारी एसईसीएल बिलासपुर ने बताया कि कुल 50 मिलियन टन कोयला डिस्पैच में कोरबा जिले में अवस्थित कंपनी की मेगा परियोजनाओं गेवरा, दीपका, एवं कुसमुंडा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एसईसीएल दीपका क्षेत्र ने 9.85 एमटी, गेवरा ने 15.15 एमटी एवं कुसमुंडा क्षेत्र ने 11.67 एमटी का योगदान दिया है। इस प्रकार कुल डिस्पैच में तीनों मेगा परियोजनाओं की हिस्सेदारी 73 फीसदी से अधिक रही है। उल्लेखनीय होगा कि कंपनी ने पिछले वित्तीय वर्ष 22-23 में अब तक का सर्वाधिक 166 मिलियन टन कोयला उत्पादन दर्ज किया है। इस वर्ष के लिए कंपनी को 200 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला है।