Korba : सचिव जी, आपके कटघोरा SDM ने जारी किए बाहर राज्य के 23 लोगों के नाम फर्जी जाति प्रमाण पत्र, दर्ज हो एफआईआर, नहीं तो आपका ही मंत्रालय घेरेंगे

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0 छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने छत्तीसगढ़ शासन आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग छत्तीसगढ़ के सचिव को लिखा आक्रोश पत्र, कहा- तीन साल पहले दस्तावेजों समेत पेश की गई थी शिकायत पर नहीं हो रही कार्रवाई। कार्रवाई करने 15 दिन की डेडलाइन।

 

कोरबा। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश मंत्री दिलीप मिरी ने आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन के सचिव को एक आक्रोश पत्र लिखा है। इसमें बताया गया है कि कटघोरा एसडीएम कार्यालय से एक-दो नहीं, बल्कि पूरे 23 ऐसे लोगों के नाम फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर दे दिए गए, जो प्रदेश के बाहर राज्यों के निवासी रहे हैं। इनके संबंध मेंं बकायदा नाम और तथ्यों के साथ तीन साल पहले शिकायत की गई थी, पर आज तक शासन-प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की है। मिरी ने मामले में एसडीएम कटघोरा के प्रभारी अधिकारी व इस कार्य में शामिल कर्मियों पर 15 दिन के भीतर अपराध दर्ज करने की मांग की है। अन्यथा की स्थिति में रायपुर पहुंचकर सचिव कार्यालय का घेरा करने की चेतावनी भी दी गई है।
इस मामले में विभाग के सचिव को दिए गए पत्र में लिखा गया है कि कटघोरा एसडीएम कार्यालय से बाहर राज्य के 23 लोगों का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र फर्जी घोषित होने के बावजूद कोई ठोस कार्यवाही नहीं करने विरोध में आक्रोश पत्र प्रस्तुत है। छत्तीसगढ़ राज्य के जिला कोरबा के अनुविभागीय कार्यालय कटघोरा के दस्तावेजों में कूटरचना करके कुल 23 लोगों द्वारा फर्जी अनुसूचित जाति का स्थाई जाति प्रमाण पत्र बनाया गया था। इसमें रघुनाथ बानरा, नंदूलाल, ईश्वर एक्का, रंजीत लकड़ा, जोरमुण्डा, बुधन सिंह, गवरियल, मोतीराम, सिकुर तुबीड, राजू, हिजकेल, कमल, शिवम उरांव, सिकन्दर, विनोद टुडू, पाण्डव होन, पिताम्बर, शेजाराम, जोगेंदर, विश्वनाथ, मघुरा, कुंवर मांझी व राम तिर्की शामिल हैं।
इसकी शिकायत छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना द्वारा राज्य सरकार को वर्ष 2020 से की जाती रही है। लगातार केंद्र सरकार और राज्य सरकार से इसकी शिकायत करते आ रहे है, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है,और आपके विभाग के अधिकारीयों द्वारा जांच में लंबित होने का बहाना बना के मामले को और विलंब कर रहे है, जिससे आरोपियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, जल्द से जल्द जांच कर वैधानिक कार्यवाही करते हुए उक्त 23 लोगों का जाति प्रमाण पत्र को बर्खास्त किया जाए और फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारक, कटघोरा तहसील के सबंधित राजस्व के अधिकारी व कर्मचारी के विरुध्द प्रथम सूचना दर्ज कराई जाए। अगर 15 दिवस के भीतर इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही नही होती तो कोरबा जिला के अलावा रायपुर में आपके मंत्रालय का घेराव करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

 मूल दस्तावेज दफ्तर से गायब 

पिछले साल 2022 में कार्यालय जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति जिला कोरबा के आदेश प्रकरण क्रमांक 1/2022 7/07//2022 व आदेश प्रकरण क्रमां 2/2022, 21/07/2022 को उपरोक्त कुल 23 लोगों का अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र निलंबित किया गया था। इन 23 लोगों का जाति प्रमाण पत्र वर्ष 2013-14 में कटघोरा एसडीएम कार्यालय से बना था, जिसका मूल दस्तावेज ही विभाग से गायब है। इसपर तो एसडीएम कार्यालय कटघोरा के प्रभारी अधिकारी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जाना उचित होगा लेकिन प्रशासन की उदासीनता के वजह से कोई ठोस कर्यवाही नहीं हो पा रही है। जिससे हम काफी हताश व आक्रोशित है।