0 आइए हम आपको 25 वर्ष की आयु पूर्ण कर रहे कोरबा जिले 17वें कलेक्टर सौरभ कुमार जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों से परिचय कराते हैं।
कोरबा। सीएम ने कोरबा की जनसभा में जहां ऊर्जा संसाधनों में विस्तार की ऐतिहासिक सौगात दी, वहीं उन्होंने कोरबा को एक नए ऊर्जावान कलेक्टर की भी सौगात से नवाजकर विदाई ली। वर्ष 2009 बैच के डैशिंग आईएएस अफसर सौरभ कुमार जिले के नए कलेक्टर नियुक्त किए गए हैं। कुमार न केवल एक प्रभावशाली शख्सियत की पहचान रखते हैं, करियर के 8वें वर्ष में प्रधानमंत्री से पुरस्कृत छत्तीसगढ़ के इनोवेटिव कलेक्टर के रूप में जाने जाते हैं। आइए हम आपको 25 वर्ष की आयु पूर्ण कर रहे कोरबा जिले 17वें कलेक्टर सौरभ कुमार जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों से परिचय कराते हैं।
कोरबा जिले के कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी सौरभ कुमार (भारतीय प्रशासनिक सेवा) छत्तीसगढ़ कैडर के 2009 बैच के आईएएस अफसर हैं। मूलत: उत्तर प्रदेश के रहने वाले सौरभ कुमार ने बीटेक (इलेक्ट्रानिक्स) की डिग्री भी प्राप्त की है। उन्होंने यह डिग्री उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थिति मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान प्राप्त की है। छत्तीसगढ के आईएएस अफसरों की शनिवार को जारी की गई तबादले की लिस्ट में सौरभ कुमार का नाम भी है और उन्हें कोरबा का कलेक्टर बनाया गया। कोरबा से पहले सौरभ कुमार बिलासपुर जिला के कलेक्टर रहे और उससे पहले वे रायपुर व दंतेवाड़ा कलेक्टर रह चुके हैं। सौरभ रायपुर और बिलासपुर दोनों निगमों के आयुक्त भी रह चुके हैं। इसके अलावा वे चिप्स के सीईओ का पद भी संभाल चुके हैं।
कैशलेस गांव में बदल दिया दन्तेवाड़ा का नक्सल प्रभावित गांव पालनार
अपनी कुशल प्रशासनिक क्षमता के बूते सौरभ कुमार ने दंतेवाड़ा कलेक्टर रहते 2017 में विकास की ऐसी गाथा लिखी की उनके काम ने यहां एक नया इतिहास रच दिया। उन्हें नोटबंदी के बाद छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित पालनार गांव को कैशलेस गांव में बदलने के लिए नवाचार में उत्कृष्टता की श्रेणी में प्रधानमंत्री का पुरस्कार भी मिला। सौरभ कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों पुरस्कृत हो चुके हैं। दंतेवाड़ा में सौरभ कुमार ने कई नवाचार किए।