अब कलेक्टरी के साथ काउ कैप्चरिंग को मैदान में उतरे छग के आईएएस-आईपीएस, नहीं पकड़ सके तो भरेंगे जुर्माना

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0 छग के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अफसरों को दिए सड़कों से गाय-भैंस और सांड पकड़कर गौठानों व कांजी हाउस में पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश। कहा- सड़क पर घूमते नजर आए मवेशी तो अफसरों पर लगेगा जुर्माना।

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सड़कों पर अब अगर मवेशी घूमते नजर आए, तो सरकार उस क्षेत्र के आईएएस-आईपीएस पर जुर्माना वसूल करेगी। कार्रवाई से बचने मैदान में उतरे आईएएस-आईपीएस अफसरों ने अब कलेक्टरी-कमिश्नरी के साथ-साथ सड़कों पर काउ-कैप्चरिंग की जिम्मेदारी भी संभाल ली है। प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सख्त निर्देश जारी करते हुए सड़क पर नजर आने वाले गाय-भैंस व सांड को पकड़कर गौठानों और कांजी हाउस पहंुचाने की व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित करने कहा है। निर्देश के तहत कई अफसरों की ड्यूटी इस कार्य में लगा दी गई है।

मुख्य सचिव के आदेश का पालन करते हुए छत्तीसगढ़ में आईएएस-आईपीएस ऑफिसर इन दिनों सड़क पर घूमते आवारा गाय, भैंस, बैल, सांड को पकड़वाने में जुट गए हैं। सीएस श्री जैन ने प्रदेशभर के प्रशासनिक अफसरों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। नगर निगम रायपुर के अधिकारियों ने बताया कि आवारा पशुओं से मुक्त कराने के निरीक्षण के लिए मॉनिटरिंग समिति गठित की गई है। साथ ही सभी जोन के चिन्हित स्थान पर आवारा पशुओं के न पाए जाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। निगम क्षेत्र के पशु पालकों को अपने पशुओं को गौशाला में रखने की समझाइस दी जाएगी। दो पालियों में काऊ कैचर गाड़ी एवं संबंधित टीम भेजकर कार्रवाई की जाएगी पशुओं को पकड़ कर गौठान और कांजी हाउस में रखा जाएगा। पशुओं को कांजी हाउस और गौठानों में शिफ्ट किया जाएगा। पशुपालक की सहमति पत्र और अर्थदंड के साथ ही पशुओं मुक्त किया जाएगा। कांजी हाउस और गौठान में पशुओं के चारा-पानी तथा अस्वस्थ्य पशुओं के इलाज की व्यवस्था की गई है। अब रायपुर में इस दिशा में काम भी शुरू हो चुका है। सड़कों, सार्वजनिक स्थानों, उद्यानों में मवेशियों को घूमते पाए जाने पर संबधित पशुपालक से एक हजार रुपए जुर्माना लिया जाएगा। वहीं पशुओं को कांजी हाउस भेजा जाएगा। ऐसा दोबारा होने पर पांच सौ रुपए जुर्माना लिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पशु पालकों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस संबंध में कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आदेश जारी किया है। ग्राम पंचायत के सचिवों को इस कार्य के लिए अधिकृत किया गया है। साथ ही पशु अतिचार अधिनियम के तहत पशुपालकों पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

कैसे पकड़ना है मवेशी, इस पर मंत्रालय में दिए गए टिप्स

इस कवायद के तहत दी गई जिम्मेदारी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। पशुओं के विचरण रोकने मॉनिटरिंग समिति भी गठित की गई है। इसके तहत सड़क पर घूमने वाले मवेशियों को कैसे पकड़ा जाए, इसके लिए अधिकारियों को टिप्स भी दिए गए हैं। मवेशियों को पकड़ने को लेकर मंत्रालय में बकायदा बैठक ली गई थी। बंद कमरे में सीनियर ऑफिसर्स से चर्चा भी की गई कि सड़क पर घूमने वाले मवेशियों को कैसे पकड़ा जाए। इसमें कई अधिकारियों ने अपने-अपने सुझाव दिए।


हाईवे और एनएच पर डेंजर जोन और डेड प्वाइंट

कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने इस संबंध में शुक्रवार को बैठक ली। इसमें जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अविनाश मिश्रा, नगर निगम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। डॉ भूरे ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और जिला प्रशासन द्वारा जिले के विभिन्न हाईवे में दुर्घटना जन्य स्थान चिन्हित किए गए हैं। जिसमें सेरीखेड़ी, संतोषी नगर, सिलतरा, सिंघनपुर, पारागांव-आरंग, चरौदा, उरला, फुंडहर, अभनपुर और टाटीबंध इत्यादि स्थान शामिल हैं। इनके सहित हाईवे में अन्य स्थानों पर घूमते पाए जाने वाले आवारा पशुओं को संयुक्त दल की ओर से हटाया जाएगा। करीब के गौठानों में शिफ्ट किया जाएगा। इस व्यवस्था में पुलिस विभाग आवश्यक सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि गौठान में चारा-पानी तथा अन्य व्यवस्थाओं का समुचित प्रबंध किया जाएगा। साथ ही घायल पशुओं का इलाज भी कराया जाएगा। नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न सड़कों में विचरण करने वाले आवारा पशुओं को गौठानों में रखा जाए।


अब रेडियम पहनाने पर भी रैंकिंग, अब तक रायपुर अव्वल

शासन-प्रशासन ने आवारा पशुओं में निरंतर रेडियम लगाने तथा टैगिंग करने के निर्देश दिए हैं। इस कार्य की उत्कृष्टता की माप भी होगी और बेहतर प्रदर्शन पर रैंकिंग से भी नवाजा जाएगा। रेडियम लगाने और टैगिंग करने में अब तक की स्थिति में रायपुर का प्रदेश में पहला स्थान हैं। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रेड़ियम बेल्ट और टैगिंग लगाने की कार्रवाई की जा रही है, जिसमें प्रदेश की राजधानी प्रथम स्थान पर है। रायपुर जिले में अब तक 1 हजार 769 आवारा पशुओं को रेडियम बेल्ट लगाया गया है और 1 हजार 406 पशुओं में टैगिंग की गई है। साथ ही 8 हजार 687 पशुओं को गौ-शाला और गौठानों में शिफ्ट किए गए हैं।