कोरबा। कटघोरा विधानसभा मतदाताओं की निष्ठा और समर्पण की कसौटी पर कौन खरा उतरेगा ? क्योंकि एक, दो या तीन नहीं पूरे 23 दावेदारों ने कांग्रेस की टिकट के लिए दावेदारी ठोकी है। मतदाता देख रहा है, तौल भी रहा है कि कौन कितनी क्षमता रखता है ?
जिले में एकमात्र कटघोरा विधानसभा क्षेत्र ऐसा है, जहां से कांग्रेस की टिकट के लिए सबसे ज्यादा आवेदन आए हैं। यह कांग्रेस गढ़ रहा है लेकिन मतभेद इतने ज्यादा हैं कि पिछले 2013 चुनाव में भाजपा ने अपना परचम फहरा दिया था। निष्ठावान कार्यकर्ताओं की फौज और सर्वानुमति से जिस चेहरे पर कांग्रेस दांव लगाती रही है उससे वर्तमान विधायक की छवि अजेय योद्धा की बन चुकी है। यह और बात है कि विकास कार्यों के खाते में उपलब्धियां शून्य हैं लेकिन जीत कांग्रेस को ही मिलती रही है।
संदेह इसलिए
पुराने के साथ, नए चेहरे भी खूब हैं, टिकट की दावेदारी करने वालों में। ऐसे भी कई चेहरे हैं जिनकी निष्ठा को लेकर सवाल उठते रहें हैं। लोगो का कहना है कि ऐसे दावेदारों को आत्मावलोकन करना चाहिए कि योग्यता रखते हैं या नहीं? विपक्ष से सीखें जहां ऐसी कमी कभी नहीं देखी गई।
जिन 23 दावेदारों ने दावेदारी पेश की है, उनको लेकर मतदाताओं के बीच बड़ा सवाल यह उठाया जा रहा है कि पार्टी के प्राथमिक सदस्य तो हैं लेकिन उनकी क्षेत्र में सक्रियता कितनी है? यह प्रश्न इसलिए उठ रहा है क्योंकि कई चेहरे विपक्ष के खेमे में भी देखे जाते रहे हैं। मौका चाहे चुनाव का हो या राजनीतिक आयोजन का हो।
दूर करना होगा मतभेद
विधानसभा क्षेत्र का मूड बदला हुआ है। कांग्रेस को लेकर पक्ष में माहौल तो है लेकिन समर्पण, निष्ठा और जीत के लिए जी-तोड़ मेहनत करने वाला चेहरा, दावेदारों की भीड़ में वर्तमान विधायक ही है। मतभेद और मनभेद जैसी गतिविधियां सिरे से खत्म करने का दंभ भी भरा जा रहा है। वरिष्ठों की राय और सलाह, जीत की राह आसान कर सकती है।
पार्टी ही नहीं, विधानसभा क्षेत्र का एक बड़ा वर्ग वर्तमान विधायक को प्रत्याशी के रूप में देखने के पक्ष में है। उनके मैदान में उतरने से जीत आसान होगी और विकास की राह भी खुलेगी।