बिलासपुर- प्रसाद और फलाहारी। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की नजर अब इन सामग्रियों पर है क्योंकि सुरक्षा मानक के पालन को लेकर यहां भी गड़बड़ियों की खबर पहुंचने लगीं हैं।
गणेश और दुर्गोत्सव के लिए होलसेल मार्केट ने प्रसाद और फलाहारी सामग्रियों की तैयारी चालू कर दी है। भाव तो आंशिक तेजी लिए हुए हैं लेकिन गुणवत्ता का स्तर कमजोर आना बताया जा रहा है। ऐसा ही हाल पेकिंग में आने वाली फलाहारी और प्रसाद में भी देखे जाने की खबर है।इसलिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने चौकसी बढ़ा दी है।
सख्त नजर
फलाहारी सामग्री। उपवास रखने वालों का प्रमुख आहार। पैक और खुले में आती हैं यह खाद्य सामग्रियां। प्रारंभिक जांच में स्थानीय स्तर पर तैयार की जाने वाली ऐसी सामग्रियों की पैकिंग में, अहम जानकारियों का नही होना पाया गया है। खुले में बिकने वाली फलाहारी सामग्री भी खाद्य सुरक्षा के मानक को पूरा नही कर रहीं हैं। सेवन से सेहत को नुकसान हो सकता है। इसलिए प्रशासन ने सघन जांच की योजना पर काम चालू कर दिया है।
निशाने पर ब्रांडेड भी
फलाहारी सामग्री बड़ी कंपनियां भी बनाने लगींं हैं। पिछली जांच में इनकी पैकिंग में भी व्यापक गलतियां पकड़ में आई थी। इसलिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन की नजर इस बार ब्रांडेड पैक्ड फलाहारी सामग्री पर भी होगी। जांच में रिटेल और होलसेल काउंटर को भी लिए जाने की योजना है।
प्रसाद और फलाहारी
इलायची दाना, मिश्री, मूंगफली, रेवड़ी, चना, लाई और सूखे मेवे। प्रसाद के रूप में उपयोग की जाने वाली यह सामग्रियां खुले और पैक दोनों में मिलती हैं। जबकि फलाहारी में तीखुर, भगर, राजगीर, सिंघाड़ा, साबूदाना, आलू, फलाहारी मिक्चर के अलावा कई और अन्य सामग्रियां भी है, जिनकी खरीदी होलसेल काउंटरों ने चालू कर दी है।
होगी सघन जांच
पर्व और त्यौहार के दिन हैं। उपवास एवं प्रसाद के रूप में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों के विक्रय के पूर्व सभी जरूरी मानक का ध्यान रखना होगा। जांच की योजना पर काम किया जा रहा है।
– उमेश वर्मा, असिस्टेंट कमिश्नर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, रायपुर