Korba : अपनी जेब भरने होर्डिंग लगाने के नियमों में सेंधमारी, नौकरी सरकारी पर सरकार को ही चपत लगा रहे सरकारी अधिकारी

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 0 नगर निगम में होर्डिंग घोटाला, साकेत में बैठे निरंकुश अफसरों से साठगांठ कर ठेकेदार काट रहे चांदी और शासन को पहुंचाई जा रही हर साल करोड़ों की राजस्व क्षति

कोरबा। विज्ञापनों के लिए शहर में लगने वाले होर्डिंग्स शासन के खजाने को भरने के बड़े एसेट्स होते हैं। यही राजस्व जनता के हित और जरूरतों को पूरा करने में काम आता है। पर इस व्यवस्था को साकेत भवन में बैठे नगर निगम के निरंकुश अधिकारियों ने अपनी जेबें भरने का माध्यम बनाकर रखा है। वे नौकरी तो सरकारी कर रहे पर शासकीय राजस्व में वृद्धि पर फोकस करने की बजाय इन होर्डिंग का राजस्व लाभ ठेकेदारों को पहुंचाने पर है। इसके लिए वे सीधे तौर पर नियमों में सेंध लगा रहे हैं। बदले में ठेकेदार बड़ी खुशी से अफसरों की हथेलियां गर्म कर शासन को हर साल करोड़ों का नुकसान पहुंचा रहे हैं।

आइए जानते हैं कि आखिर कैसे नगर निगम में होर्डिंग घोटाला फल फूल रहा है। कुल 6 जोन में विभाजित नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा निगम क्षेत्र में होर्डिंग विज्ञापन प्रदर्शन के लिए टेंडर जारी किया जाता है। इनमें  कोरबा टाउन, परिवहन नगर, कोसाबाड़ी-निहारिका, बांकीमोंगरा, बालको और दर्री जमनीपाली जोन शामिल है। प्रत्येक जोन में होर्डिंग लगाने की संख्या टेंडर के प्रारूप पत्र में निर्धारित संख्या में दर्शाया जाता है। जिसमें निगम की निर्धारित नियमावली में हस्ताक्षर करने के बाद बंद लिफाफे में उच्चतम बोली लगाने वाले निविदाकार को प्रस्तावित जोन में निर्धारित संख्या में विज्ञापन होर्डिंग लगाने की अनुमति दी जाती है। टेंडर में प्राप्त दर के अनुसार एकमुश्त वार्षिक शुल्क निगम कोष में जमा करने के बाद निगम प्रशासन प्रदान करता है ।

अब खेल कहां होता है, इसे समझते हैं। परिवहन नगर जोन की बात करे, तो नगर निगम द्वारा यहां 8 नग विज्ञापन होर्डिंग लगाने का टेंडर जारी किया जाता है। इसके लिए सभी 8 नग विज्ञापन बोर्ड का वार्षिक शुल्क भी निगम कोष में लिया जाता है। यहीं पर खेल शुरू होता है और निविदा प्राप्त विज्ञापन एजेंसी संबंधित अधिकारी को टेबल के नीचे से खुश करता है और एक आवेदन पत्र देता है। इसमें लिखा जाता है कि परिवहन नगर जोन में 8 नग होर्डिंग लगाने की जगह नहीं है या कुछ लोगों के द्वारा होर्डिंग नहीं लगाने दिया जा रहा या कोई अन्य बहाना बनाया जाता है। इस तरह 8 नग होर्डिंग की संख्या को कम कर 4 नग या उससे भी कम संख्या करा दी जाती है। इस तरह से निर्धारित वार्षिक राशि में जो बचत विज्ञापन एजेंसी को होती है, उसमें से आधा हिस्सा संबंधित अधिकारी को पेश कर दिया जाता है। शेष आधी बचत निविदा प्राप्त विज्ञापन एजेंसी को फायदे के रूप में मिल जाती है। शासन को नुकसान पहुंचाने का यह सिलसिला जारी रहता है और बचत राशि अगले द्वितीय वर्ष की निविदा शुल्क, जो एक वर्ष के बाद विज्ञापन एजेंसी को नवीनीकरण के रूप में देना होता है, उसकी राशि को आगामी 4 वर्षों तक आधा दिए जाने का खेल शुरू हो जाता है।

 

निजी घरों की छत के होर्डिंग की साइज घटाकर आधा रकम अंदर

यह तो केवल जमीन में लगने वाले विज्ञापन बोर्ड का गड़बड़झाला है। शहर के निजी मकानों की छत में लगने वाले जितने भी विज्ञापन बोर्ड की अनुमति निगम प्रशासन ने जारी कर रखी है, इनमें भी लगभग 80 प्रतिशत होर्डिंग की साइज में घोटाला किया जाता है। यदि कोई विज्ञापन एजेंसी ने किसी निजी मकान मालिक की सहमति से किसी घर की छत पर 40 गुणा 25 = 1000 वर्ग फिट की दो होर्डिंग लगाई और निगम प्रशासन को पत्र में बताया कि उसने केवल एक होर्डिंग लगाई है और वह भी 20 गुणा 20 साइज का, तो बाकी रकम टेबल के नीचे से आधा आधा कर लिया जाता है। निगम प्रशासन का एक चौथाई शुल्क भी विज्ञापन एजेंसी के द्वारा नहीं दिया जाता।

 

धूल खा रही शिकायतों की फाइल, फायदे के सौदे में कई साझेदार

होर्डिंग घोटाले के अनवरत चलने वाले इस खेल पर पूर्व में कई बार विज्ञापन एजेंसियों की लिखित शिकायत की गई थी, लेकिन बात लाभ की होने के कारण उन शिकायतों को ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया।

 

शहर के 8 जोन में होर्डिंग लगाने के लिए 54 स्थल

नगर निगम ने सभी जोन में होर्डिंग लगाने के लिए स्थल भी तय कर किया गया था। कुल 54 स्थलों में 20 बाई 10 साइज के होर्डिंग लगना निर्धारित किया गया था। इसके तहत कोरबा जोन में 10, परिवहन नगर में आठ, कोसाबाड़ी और रविशंकर शुक्ल नगर जोन में 10, बालको जोन में 8, दर्री में 10 और सर्वमंगला,बांकी मोंगरा जोन में आठ होर्डिंग शामिल है। नियमों के हेराफेरी कर शासन और जनता के हक पर डाका डाल रहे ऐसे अफसर-कर्मियों पर कार्यवाही अवश्य होनी चाहिए, जिससे शासन को हो रहे नुकसान को रोका जा सके।

 

सवालों के कटघरे में साकेत, क्या बिना सर्वे जारी कर देते हैं टेंडर

सवाल यह है कि जब निगम द्वारा निविदा निकाली जाती है, तब प्रस्तावित जोन, जिसमें होर्डिंग लगाने टेण्डर किया जाना होता है, उस जोन के होर्डिंग विज्ञापन नियमावली 2007 के अनुसार पूरा सर्वे किया जाता है। फिर पर्याप्त जगह होने पर ही होर्डिंग लगाने के लिए निविदा क्यों निकाली जाती है? जब भी कोई विज्ञापन एजेंसी विज्ञापन होर्डिंग लगाने के लिए निविदा में भाग लेता है और निविदा प्रपत्र में लिखित समस्त निगम की नियमावली में अपने सहमति वाला हस्ताक्षर करने के बाद निविदा प्राप्त करता है, तब उनको यह समझ नहीं आता की कहाँ होर्डिंग लगेगा और कहाँ नहीं?

जब सभी निर्धारित स्थलों में होर्डिंग नहीं लगाए जा सकते तो निविदा में भाग क्यों लेते हैं और उच्चतम दर क्यों भरा जाता है? निगम प्रशासन निविदा के बाद निर्धारित होर्डिंग की संख्या को कम करता है। क्या जिस जोन में विज्ञापन एजेंसी के द्वारा होर्डिंग की संख्या कम करने को कहा जाता है उस पूरे जोन में कोई दूसरा विकल्प नहीं दिया जाता ?

क्या कोरबा का निगम का जोन क्षेत्र इतना छोटा छोटा विभाजित किया गया है कि उस पूरे जोन में 8 या 10 नग भी होर्डिंग नहीं लगाया जा सकता या सिर्फ निगम को चुना लगाने और विज्ञापन शुल्क में भ्रष्टाचार कर घोटाला करने के उद्देश्य से ऐसा किया जाता है।

 

 

 

नगर निगम के 6 जोन में होर्डिंग लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिसमे 5 जोन का काम जैन को मिला और कोरबा जोन का काम राकेश मोदी को मिला है।निगम साल भर के हिसाब से किराए की रकम जमा करा लेता है उसके बाद निगम का ठेकेदारों पर कंट्रोल नही रहता। ठेकेदार अपने मन माफिक होर्डिंग का रेट निर्धारित कर सकता है।

 

योगेश राठौर, होर्डिंग प्रभारी नगर निगम कोरबा