न कोई सुराग, न CCTV फुटेज में साफ चेहरा… ऐसे पुलिस के हत्थे चढ़ा 25 करोड़ की चोरी करने वाला ‘सुपर चोर’

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बिलासपुर।साउथ ईस्ट दिल्ली के भोगल इलाके के एक ज्वेलरी शोरूम में मंगलवार 26 सितंबर को हुई चोरी ने हर किसी को हैरान कर दिया. कारण, चोरी की ये वारदात जितनी बड़ी और हैरान करने वाली थी, इसके पीछे की साजिश भी उतनी ही अजीब और चौंकाने वाली निकली. चोरी की एक ऐसी वारदात, जिसमें 25 करोड़ रुपये की ज्वेलरी और बेशकीमती जवाहरात उड़ा दिए गए, उस वारदात को चोरों के किसी भारी-भरकम गैंग ने बल्कि एक अकेला चोर ने अंजाम दे डाला. चोर भी ऐसा जिसे सिर्फ बड़ा हाथ मारने का शौक है. अकेले एक ही चोर ने साजिश रची. अकेले ने ही रेकी की. अकेले ने ही धावा बोला और सबकुछ समेटकर रफूचक्कर हो गया.

दिल्ली पुलिस ने छत्तीसगढ़ की बिलासपुर पुलिस के साथ मिलकर ना सिर्फ चार दिन में चोरी की इस बड़ी और सनसनीखेज वारदात का खुलासा कर दिया है, बल्कि वारदात में शामिल शातिर चोर को गिरफ्तार कर 18 किलो से ज्यादा की सोने की ज्वेलरी और 12.5 लाख रुपये कैश भी बरामद कर लिया है. लेकिन आखिर दिल्ली पुलिस इस चोर तक पहुंची कैसे? कैसे उसने महज चंद दिनों में महाचोरी की इस वारदात का खुलासा कर दिया? वो भी तब जब चोर ने सीसीटीवी कैमरों को खराब कर दिया और उसका चेहरा साफ-साफ दुकान के किसी भी कैमरे में कैद नहीं हुआ था।

ऐसे खुली सुपर चोर की पोल

तो चोर तक पहुंचने की कहानी कुछ यूं हैं कि छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने अपनी रुटीन कार्रवाई के दौरान पिछले दिनों लोकेश राव नाम के एक चोर को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की. जब उससे पूछताछ हुई तो उसने अपनी करतूतें तो पुलिस को बताई ही, अपने हमनाम एक सुपर चोर लोकेश श्रीवास के बारे में भी मुंह खोल दिया. लोकेश राव ने बताया कि लोकेश श्रीवास ने अभी-अभी दिल्ली में एक बड़ा काम किया है. दुर्ग पुलिस ने मुस्तैदी दिखाई और वहां के एक सब इंस्पेक्टर ने दिल्ली पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर से बात की. लोकेश श्रीवास के बारे में बताया. हालांकि अब तक लोकेश पकड़ा नहीं गया था और ना ही उसके ठिकाने के बारे में पुलिस को खबर थी.

दिल्ली पुलिस को गूगल से मिली पहली तस्वीर

जब दिल्ली पुलिस ने बिना वक्त गंवाए गूगल पर सुपर चोर लोकेश श्रीवास का नाम सर्च किया तो गूगल में एक चोर की तस्वीर नजर आई, जिसे पुलिस ने इसी साल फरवरी महीने में लाखों रुपये की ज्वेलरी के साथ पकड़ा था. ये दिल्ली पुलिस के पास लोकेश की पहली तस्वीर थी. अब दिल्ली पुलिस ने उस तस्वीर के साथ भोगल बाजार से कलेक्ट किए गए संदिग्ध लोगों की सीसीटीवी फुटेज मिलान करना शुरू किया. पुलिस ने देखा कि एक 24 सितंबर की शाम को एक संदिग्ध शख्स पिट्ठू बैग टांगे मार्केट में घूम रहा है. इत्तेफाक से ये तस्वीर दिल्ली पुलिस को अखबार से मिली तस्वीर से मिलती-जुलती लगी. यानी पुलिस को यकीन हो गया कि सुपर चोर लोकेश श्रीवास वारदात से ठीक पहले दिल्ली के उसी भोगल मार्केट में मौजूद था.

उधर, छत्तीसगढ़ पुलिस बिलासपुर में लोकेश श्रीवास की तलाश में लग चुकी थी, क्योंकि लोकेश बिलासपुर का ही रहनेवाला है. पुलिस को पता चला कि उसने हाल ही में एक मकान किराये पर लिया है. पुलिस ने वहां छापेमारी की. वहां लोकेश तो नहीं मिला, लेकिन शिवा नाम का उसका एक साथी पकड़ा गया. फिर शिवा की निशानदेही पुलिस ने लोकेश को बिलासपुर के ही स्मृतिनगर इलाके से धर दबोचा. पुलिस ने लोकेश के ठिकाने से 18 किलो से ज्यादा सोने के जेवरात और करीब साढे 12 लाख रुपये कैश बरामद किए, जो उसने दिल्ली से ही चुराए थे.

अकेले लोकेश ने इस वारदात को अंजाम कैसे दिया?

असल में लोकेश सिर्फ बड़ी चोरियां करता है. उसने पहले ही भोगल के इस ज्वेलरी शॉप की रेकी कर रखी थी. उसे पता था कि मार्केट कब बंद होती है, शॉप बंद होने के बाद वहां कोई सिक्योरिटी गार्ड नहीं रहता है. पड़ोस की इमारत से शॉप वाली इमारत पर पहुंचा जा सकता है. बस इन्हीं बातों को ध्यान में रख कर उसने रविवार 24 सितंबर को मार्केट बंद होने के बाद बगल वाली बिलडिंग से चुपके से दुकान में एंट्री की. फिर इत्मीमान से पूरे 16 घंटे तक दुकान में माल बटोरता रहा, स्ट्रॉन्ग रूम में सेंधमारी करता रहा. यानी वो रविवार की रात 11 बजे चोरी के लिए दुकान में घुसा और अगले दिन यानी सोमवार की शाम 7 बजे दुकान से अपने बैग में ज्वेलरी भर कर निकल गया. करीब 25 करोड़ की ज्वेलरी चुराकर ये ना सिर्फ बीच रास्ते में रुका, इसने अपने लिए एक और बैग खरीदा, ताकि किसी को इस पर शक ना हो और करोड़ों का माल लेकर सरकारी बस में धक्के खाते हुए दिल्ली से छत्तीसगढ़ पहुंच गया