रामपुर विधानसभा के कुल 13 चुनाव में कांग्रेस 7 बार जीती..चुनावी चौसर के बाजीगर ननकीराम 11 बार चुनावी रण में उतरे..कांग्रेस से मोहिन्दर कंवर(टीटू) को टिकट मिलना तय

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✍️ नरेन्द्र मेहता, कोरबा

कोरबा:कोरबा जिले की अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट रामपुर विधानसभा पर हर बार सबकी नजर लगी रहती हैं. विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस और भाजपा ने यहां से उम्मीदवार के नाम की धोषणा नहीं कि हैं लेकिन यह तय है कि रामपुर विधानसभा चुनावी चौसर के हीरो और 6 बार के विजेता ननकीराम कंवर को भाजपा से टिकट मिलना तय है.जहां तक कांग्रेस की बात हैं तो पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर के पुत्र मोहिंदर कंवर (टीटू) का नाम उम्मीदवार की सूची में शामिल कर लिया गया हैं.केवल अधीकृत धोषणा का कांग्रेस जनों को इंतजार हैं. यहां मुकाबला इसलिए दिलचस्प रहेगा क्योंकि राजनीति के पुराने और नये खिलाड़ी के मध्य होगा.
रामपुर विधानसभा को किसी भी पार्टी का गढ़ नहीं कहा जा सकता .यहां कंवर समाज के बाद राठिया समाज दूसरे नम्बर का सबसे बड़ा समाज हैं और इस समाज का झुकाव ही तय करता हैं कि जीत किस पार्टी की होगी ऐसा राजनीतिक विश्लेषकों का मानना हैं जबकि सच्चाई यह हैं के नेता कांग्रेस की राजनीति करते हैं और समाज के अधिकांश लोगों का आकर्षण भाजपा की तरफ होता हैं. कुल मिला कर राठिया समाज रामपुर विधानसभा चुनाव में चर्चा का विषय बना रहता हैं।
रामपुर विधानसभा का पहला चुनाव 1951 में हुआ .अब तक कुल 13 चुनाव हुए.1957 और 1962 में यहां चुनाव नहीं हुए. दरअसल 1952 के परिसीमन में यह सीट विलुप्त हो गई और 1962 में यह सीट एक बार फिर हुए परिसीमन में वापस अपने अस्तित्व में आई.इस प्रकार यहां 1967 में दूसरा विधानसभा हुआ. सबसे दिलचस्प बात यह हैं कि 8 बार ऐसा अवसर आया जब कांग्रेस से प्यारेलाल कंवर और भाजपा से ननकीराम राम चुनावी रण में आमने सामने रहे हैं. जहाँ तक हार जीत की बात हैं तो 4 बार प्यारेलाल कंवर ने जीत का परचम लहराया और 4 बार ननकीराम कंवर ने प्यारेलाल कंवर को पराजित कर चुनाव जीता.80 वर्षीय ननकीराम कंवर की सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि कुल हुए 13 विधानसभा चुनाव में 11 बार चुनाव लड़ा और 6 बार जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया.इतना ही नहीं ननकीराम कंवर के नाम सबसे ज्यादा और सबसे कम वोट से जीतने का रिकार्ड भी हैं. ननकीराम कंवर ने विधानसभा चुनाव 1998 में सबसे अधिक 31,063 वोट से जीत दर्ज की उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय उम्मीदवार सरमन सिंह को पटखनी दी.जबकि छतीसगढ़ गठन के बाद जब पहला विधानसभा चुनाव हुआ तो ननकीराम कंवर सबसे कम वोट 380 से चुनाव जीते.इस चुनाव में कांग्रेस और भाजपा की नेट टू नेट टक्कर थी.ननकीराम कंवर को 35642 वोट मिले और प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार प्यारेलाल कंवर को 35262 वोट से संतोष करना पड़ा.
प्यारेलाल कंवर के निधन के बाद उनके भाई श्यामलाल कंवर को कांग्रेस ने 2013 में टिकट दी और उन्होंने भाजपा के ननकीराम कंवर को पराजित कर पहली बार विधायक बने.7 बार चुनाव जीतने वाली सबसे बुरी दशा विधानसभा चुनाव 2018 में देखने को मिली. हालांकि यह चुनाव भाजपा ने जीता लेकिन कांग्रेस यहां तीसरे नम्बर पर रही.ननकीराम कंवर (भाजपा)को 65048 वोट,पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जनता कांग्रेस के फूल सिह राठिया को 46873 वोट तथा श्यामलाल कंवर (कांग्रेस) को 44261 वोट मिले।
284 मतदान केन्द्रों वाले रामपुर विधानसभा क्षेत्र में पुरुष के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है. कुल मतदाता करीब 2,13,601 हैं जिसमें पुरूष मतदाता की संख्या 105733 हैं तो महिला मतदाता 197867 हैं अन्य में 1 मतदाता हैं.

रामपुर विधानसभा से प्यारेलाल कंवर 5 बार तो ननकीराम कंवर 6 बार जीते.13 चुनाव के विधायक को जाने..

1- 1951-रुद्रशरण प्रताप सिंह (कांग्रेस)
2-1967-प्यारेलाल कंवर (कांग्रेस)
3-1972-प्यारेलाल कंवर (कांग्रेस)
4-1977-ननकीराम कंवर (जेएनपी)
5-1980-प्यारेलाल कंवर (कांग्रेस)
6-1985-प्यारेलाल कंवर (कांग्रेस)
7-1990-ननकीराम कंवर (भाजपा)
8-1993-प्यारेलाल कंवर (कांग्रेस)
9-1998-ननकीराम कंवर (भाजपा)
10-2003-ननकीराम कंवर (भाजपा)
11-2008-ननकीराम कंवर (भाजपा)
12-2013-श्यामलाल कंवर (कांग्रेस)
13-2018-ननकीराम कंवर (भाजपा)