नई दिल्ली। Caste Survey: उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को बिहार सरकार की ओर से कराई गई जातिगत गणना से संबंधित याचिका पर सुनवाई हुई। SC ने इस पर रोक लगाने वाली याचिका पर साफ इनकार करते हुए कहा कि हम किसी राज्य सरकार को नीति बनाने से नहीं रोक सकते।अगली सुनवाई जनवरी में करने के लिए कहा।
सुनवाई करने वाली पीठ के अध्यक्ष जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, हम किसी राज्य सरकार को नीति बनाने या काम करने से नहीं रोक सकते। सुनवाई में उसकी समीक्षा कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने विस्तृत आदेश पारित किया है और हमें भी विस्तार से ही सुनना होगा। ये बात भी सही है कि सरकारी योजनाओं के लिए आंकड़े जुटाना जरूरी है। हम आप सभी को सुनना चाहेंगे।
निजी आंकड़े सार्वजानिक नहीं होने चाहिए
अदालत में अपना पक्ष रखते हुए वकील ने कहा कि सर्वे की प्रक्रिया ही निजता के अधिकार का हनन थी। इस दलील पर न्यायधीश ने कहा कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं और अगली सुनवाई जनवरी में होगी। इसके बाद वकील द्वारा यथास्थिति का आदेश जारी करने का निवेदन किया गया तो जज ने कहा कि हम किसी सरकार को नीति बनाने से नहीं रोक सकते। लेकिन, लोगों के निजी आंकड़े भी सार्वजनिक नहीं होने चाहिए।