गाजियाबाद | Namo Bharat : देश को आज पहली रैपिड रेल रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) की सौगात मिल गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले चरण के तहत साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक चलने वाली ट्रेन को हरी झंडी दिखा दी है. इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं. कल से आम नागरिक इस ट्रेन से यात्रा कर सकेंगे. इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों को ‘नमो भारत’ का नाम दिया गया है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कल इसका नाम बदलने की घोषणा की थी.
#WATCH | Sahibabad, Uttar Pradesh | Prime Minister Narendra Modi flags off the RapidX train connecting Sahibabad to Duhai depot, marking the launch of Regional Rapid Transit System (RRTS) in India. This is India’s first RapidX train which will be known as NaMo Bharat. pic.twitter.com/YaanYmocB8
— ANI (@ANI) October 20, 2023
नमो भारत ट्रेन अपने आप में ही बेहद ख़ास है। इसकी कई खासियतें इसे अलग बनाती हैं। यह ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकती है। पिछले दिनों जब इसका ट्रायल किया गया था तब ट्रेन की अधिकतम गति 146 किमी प्रति घंटा थी। इस हाई-स्पीड आरआरटीएस ट्रेन में झुकने वाली सीटें और बड़ी खिड़कियों के अलावा, हाई-टेक कोचों में डिजिटल स्क्रीन भी दी जाएगी, जो यात्रियों को किसी भी समय ट्रेन का रूट, स्पीड दिखाएगी।
प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) परियोजना विकसित की जा रही है. इसके तहत एनसीआर में विकसित किए जाने वाले कुल आठ आरआरटीएस कॉरिडोर की पहचान की गई है, जिनमें से तीन कॉरिडोर को चरण- I में लागू करने के लिए प्राथमिकता दी गई है. पहले चरण के तीन कॉरिडोर में दिल्ली – गाजियाबाद – मेरठ कॉरिडोर, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर कॉरिडोर; और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर शामिल है.
100-160KM प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़गी नमो भारत
बता दें कि पहले चरण में RapidX या नमो भारत गाजियाबाद के साहिबाबाद से दोहाई डिपो के बीच चलेगी. इसके पहले फेज में 5 स्टेशन होंगे. इनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन शामिल हैं. पूरी तरह से ऑपरेशनल होने के बाद इसकी रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटे से 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी. RapidX साहिबाबाद से दुहाई डेपो के बीच 17 किलोमीटर की दूरी 15 से 17 मिनट में पूरी करेगी. इसकी फ्रीक्वेंसी 15 मिनट रखी गई है. यह हर स्टेशन पर 30 सेकंड के लिए रुकेगी.
मेट्रो की तर्ज पर महिलाओं के लिए अलग कोच
इसमें मेट्रो की तर्ज पर महिलाओं के लिए अलग कोच होगा. इसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा महिला स्टाफ होगा, जिन्हें स्थानीय स्तर पर रिक्रूट किया गया है. इस हाई स्पीड ट्रैन में कुल 6 कोच होंगे. एक कोच प्रीमियम कैटेगरी के यात्रियों के लिए होगा जो इंजन के बाद पहला कोच होगा.
प्रीमियम टिकट धारकों के लिए स्टेशनों पर एक वेटिंग लाउंज
इसके अलावा ट्रेन के सभी कोच में मुफ्त वाईफाई, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, सामान रखने का स्थान और एक इन्फोटेक सिस्टम भी होगा। इसके साथ ही इसमें मेट्रो की तरह बीच में खड़े होने के लिए भी हैंड होल्डर लगे हुए हैं। वहीं सीटें 2X2 वाली होंगी। वहीं ये हर स्टेशन पर ट्रेनें 30 सेकंड के लिए रुकेंगी। वहीं प्रीमियम टिकट धारकों के लिए स्टेशनों पर एक वेटिंग लाउंज भी होगा।
लगभग 82 किलोमीटर का होगा पूरा गलियारा
बता दें कि दें कि 30,274 करोड़ रुपये की परियोजना का पूरा गलियारा 82 किलोमीटर लंबा होगा और दिल्ली के सराय काले खां स्टेशन से मेरठ के मोदीपुरम तक फैला होगा। मेल एक्सप्रेस ट्रेन में मेरठ और दिल्ली के बीच डेढ़ घंटे और लोकल ट्रेन में दो घंटे का समय लगता है, लेकिन आरआरटीएस में केवल 55-60 मिनट लगेंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट को जून 2025 में पूरा होने की उम्मीद है। बता दें कि इस परियोजना की आधारशिला पीएम मोदी ने 8 मार्च, 2019 को की थी