⭕️ कांग्रेस प्रत्याशी फूलसिंह राठिया की चुनावी डगर आसान नहीं.
✍️ नरेन्द्र मेहता, कोरबा
कोरबा: कांग्रेस की सियासत में कद्दावर नेता स्व.प्यारेलाल कंवर को कभी भुलाया नहीं जा सकता. कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय रहे प्यारेलाल कंवर को 1967 में पहली बार कांग्रेस ने कोरबा जिले की अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रामपुर विधानसभा से टिकट दी और वे चुनाव जीत कर पहली दफा विधायक बने.कांग्रेस ने 10 बार उन्हें चुनाव मैदान में उताराऔर 5 बार कांग्रेस के विधायक बने।अविभाजित मध्यप्रदेश में वे उपमुख्यमंत्री सहित मंत्री औऱ विधानसभा उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.उनके निधन के बाद कांग्रेस ने प्यारेलाल के छोटे भाई श्यामलाल कंवर को 2013 विधानसभा चुनाव में टिकट दी.जिसमें उनकी जीत हुई और पहली बार श्यामलाल कंवर विधायक बने.ऐसा लगने लगा कि स्व.प्यारेलाल कंवर की राजनीति विरासत को वे लंबे समय तक सँभालेंगे,लेकिन 2018 में दूसरी बार कांग्रेस ने उन्हें टिकट दी औऱ वे चुनाव बुरी कदर से हार गये.सदैव पहले या दूसरे नम्बर पर रहने वाली कांग्रेस तीसरे नम्बर पर पहुंच गई यह न केवल कांग्रेस के लिए बल्कि सबसे पुराने कांग्रेसी कंवर परिवार के लिए भी गहरे झटके से कम नहीं था. इस चुनाव में भाजपा के ननकीराम कंवर जीते और पहले नम्बर पर रहे.जोगी कांग्रेस के फूलसिंह राठिया भाजपा को तो मात देने में सफल नहीं हुए किन्तु कांग्रेस को तीसरे नम्बर में घकेल दिया.
रामपुर विधानसभा के चुनावी इतिहास में पहली बार कांग्रेस यहां से बुरी कदर हारी. इस हार को कांग्रेस के अंदर उनके विरोधियों ने जमकर भुनाया. आंकड़ों के खेल में श्यामलाल कंवर परिवार ऐसा फंसा की करीब 53 साल बाद कंवर परिवार के हाथ से कांग्रेस की टिकट पहली बार निकल गई.
कांग्रेस की राजनीति में लम्बी पारी खेलने वाले कंवर परिवार को इसका गहरा झटका लगा. बता दे कि 2023 के विधानसभा रामपुर सीट से कांग्रेस टिकट के सशक्त दावेदार पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर के पुत्र मोहिंदर कंवर ( टीटू) भी थे किन्तु कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी.औऱ पहली बार कांग्रेस ने राठिया समाज के फूलसिंह राठिया को पार्टी प्रत्याशी धोषित किया. फूलसिंह राठिया ने जोगी कांग्रेस से 2018 में चुनाव लड़ा और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गये।
रामपुर विधानसभा क्षेत्र में राठिया मतदाता सर्वाधिक हैं जनसंख्या के हिसाब से दूसरे नम्बर पर कंवर मतदाता हैं।कांग्रेस की टिकट से वंचित, कंवर समाज काफी दुखी हैं तो राठिया समाज 48 साल बाद राठिया को टिकट मिलने से काफी खुश हैं।
कांग्रेस की टिकट की धोषणा के बाद से कंवर समाज मे बगावत के शूर उठ रहे हैं और पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर ने मीडिया के सामने यह कहा कि कांग्रेस दलबदलू को टिकट दें देगी यह बात समझ से परे हैं।उन्होंने कहा कि हमने विरोध स्वरूप अपनी बात कांग्रेस हाईकमान तक पहुचाते हुए यह मांग की हैं कि फूलसिंह राठिया को टिकट न दी जाये. श्यामलाल कंवर के साथ खड़े ग्रामीण लगातार एक ही नारा लगाते रहे “दलबदलू से टिकट वापस लो.” यदि विरोध का स्वर आगे और बढ़ा औऱ कंवर समाज एक जुट हो गया तो कांग्रेस प्रत्याशी फूलसिंह राठिया के लिए चुनाव की डगर आसान नहीं होगी.
कांग्रेस की टिकट स्व.प्यारेलाल कंवर और उनके परिवार को धर बैठे मिल जाया करती थी आज वहीं लोग सड़क पर खड़े होकर राठिया को मिली टिकट का विरोध कर रहे हैं.
जबकि राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं रहता परिवर्तन की संभावना हमेंशा बनी रहती हैं.कांग्रेस ने फूलसिंह राठिया का चयन अपने सर्वे के आधार पर किया हैं .इस बात को श्यामलाल कंवर का परिवार मानने को तैयार नहीं हैं.