Web desk .जीवन में उतार-चढ़ाव आना, खुशी-गम आना सामान्य बात है. हर व्यक्ति की जिंदगी में ऐसे बदलाव आते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे सौभाग्यशाली होते हैं, जिनका दुखों से सामना ना के बराबर होता है. वहीं कुछ लोगों का पूरा जीवन दुख में ही कट जाता है. दुनिया के महान विद्वान और मार्गदर्शक आचार्य चाणक्य ने सुख-दुख को लेकर अपने नीति शास्त्र चाणक्य नीति में कुछ बेहद महत्वपूर्ण बातें बताई हैं. ये बातें आज भी प्रासंगिक हैं. चाणक्य नीति के अनुसार दुनिया में 3 तरह के व्यक्ति ऐसे होते हैं, जो हमेशा दुखी रहते हैं. इन लोगों के दुखों के पीछे की वजहें भी आचार्य चाणक्य ने बताई हैं.
हमेशा दुखी रहते हैं ये लोग
चाणक्य नीति के अनुसार दुनिया में 3 तरह के लोग हमेशा दुखी रहते हैं. अपार धन-संपत्ति होने के बाद भी इनके दुखों का निवारण नहीं हो पाते हैं. आश्चर्य की बात यह भी है कि इन दुखी लोगों के पीछे वजह उनके अपने ही बनते हैं. आइए जानते हैं कि किन लोगों को जीवन में सुख नसीब नहीं हो पाता है. यूं कहें कि ये लोग चाहकर भी कभी खुश नहीं रह पाते हैं.
जिसका बेटा नालायक हो: ऐसे माता-पिता जिनका बेटा नालायक हो यानी कि असंस्कारी हो, बुरी संगति रखने वाला हो या गैर जिम्मेदार हो वे कभी खुश नहीं रह पाते हैं. ऐसे माता-पिता का जीवन हमेशा दुख में ही कटता है. ऐसी संतान समाज में बदनामी का कारण बनती है और बुढ़ापे में सहारा भी नहीं दे पाती है.
जिस संतान के पिता पर कर्ज हो: ऐसा व्यक्ति जिसे अपने पिता से विरासत में भारी कर्ज मिला हो, उसे भी जीवन में सुख नहीं मिलते हैं. ऐसा व्यक्ति जीवन पर अपने पिता का कर्ज ही चुकाता रहता है. कर्ज के बोझ के चलते वह ना तो करियर में तरक्की कर पाता है, ना ही निजी जीवन का आनंद ले पाता है.
जिसकी पत्नी या मां बुरा आचरण करे: तीसरा व्यक्ति जिसकी मां या पत्नी बुरा आचरण करती हो वह भी कभी सुखी नहीं रह पाता है. परिवार की महिला का बुरा आचरण समाज में बदनामी का कारण बनती है. ऐसे लोग जीवन में सिर उठाकर नहीं जी पाते हैं और कभी खुश नहीं रह पाते हैं.