लोकसभा चुनाव: राजस्थान में गहलोत नहीं, सचिन पायलट का चलने लगा सिक्का? कांग्रेस की पहली लिस्ट में 4 समर्थकों की एंट्री

0
62

जयपुर: राजस्थान कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं के बीच पिछले 5 साल से सियासी जंग चलती रही। यह जंग अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चली जिसमें जुलाई 2020 में गहलोत सरकार के गिरने की नौबत आ गई। पायलट का आरोप था कि उनके समर्थकों को सरकार में तवज्जो नहीं दी जा रही है। जिन नेताओं ने विधानसभा चुनाव में जी जान से मेहनत की, उनकी अनदेखी की जा रही है। अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट समर्थकों को खास तवज्जो दी है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि पार्टी ने पहली ही लिस्ट में चार ऐसे नेताओं को टिकट दिया है, जो पायलट के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। ऐसे में यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या अब राजस्थान में अशोक गहलोत की बजाए सचिन पायलट को पार्टी ज्यादा तवज्जो दे रही है। मंगलवार 12 मार्च की शाम को 4 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हुई, जानिए उन नेताओं के बारे में।

​बृजेंद्र ओला​

झुंझुनूं से कई बार विधायक रह चुके सीनियर नेता बृजेंद्र ओला सचिन पायलट के कट्टर समर्थक हैं। जुलाई 2020 में पायलट और उनके समर्थकों ने अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत की थी। तब ओला पायलट के खेमे में डटे रहे थे। करीब एक महीने तक गहलोत सरकार संकट में रही। पायलट अपने समर्थक विधायकों और मंत्रियों के साथ जब हरियाणा की होटल मानेसर में थे। तब बृजेंद्र ओला उनके साथ थे। ओला का कहना था कि सचिन पायलट को राजस्थान को मुख्यमंत्री बनाया जाए।

हरीशचंद्र मीणा​

टोंक जिले के देवली उनियारा से विधायक हरीशचंद्र मीणा भी सचिन पायलट के कट्टर समर्थकों में से एक हैं। मीणा भी जुलाई 2020 में पायलट के पाले में थे और गहलोत के खिलाफ बगावत की थी। हरीश मीणा कई बार गहलोत के नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर चुके हैं और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की पैरवी कर चुके हैं। वर्ष 2013 के चुनाव में हरीश मीणा बीजेपी के टिकट पर विधायक बने थे। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले वे कांग्रेस में शामिल हो गए। अब वे दूसरी बार विधायक हैं।

ललित यादव​

 

अलवर के मुंडावर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक ललित यादव भी सचिन पायलट कैंप के हैं। छात्र राजनीति से ही सचिन पायलट को अपना आदर्श मानते रहे हैं और पायलट के समर्थन में बयान भी दे चुके हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान भी पायलट के खेमे की वजह से उन्हें टिकट मिला और युवाओं की बदौलत जीत भी दर्ज की। अलवर सीट से गहलोत समर्थक करण सिंह यादव भी दावेदारी पेश कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने पायलट समर्थक युवा नेता ललित यादव पर भरोसा जताया है।

​करण सिंह उचियारड़ा

करण सिंह पिछले 25 सालों से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। वे 5 साल तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव भी रह चुके हैं और सचिन पायलट कैंप के नेता माने जाते हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने सुमेरपुर विधानसभा से टिकट की दावेदारी की थी लेकिन टिकट नहीं मिला। अब जोधपुर से लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी बनाया गया है।