81 दिनों के लिए शादियों पर लगेगा ब्रेक, अब इस महीने में हैं सबसे ज्‍यादा विवाह मुहूर्त

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खरमास खत्‍म होने के बाद कुछ दिनों के लिए शुरू हुए शादियों के सिलसिले पर फिर से ब्रेक लग रहा है. अब शादी के इच्‍छुक युवक-युवतियों को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ेगा. क्‍योंकि विवाह के लिए शुभ माने गए गुरु और शुक्र ग्रह अस्‍त होने के कारण विवाह नहीं हो सकेंगे. हिंदू धर्म में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त निकाला जाता है. लेकिन अगले 2 महीने से ज्‍यादा समय तक विवाह के लिए मुहूर्त ही नहीं है.

शादियों पर ब्रेक

24 अप्रैल को शुक्र ग्रह मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं, जहां पहले से ही सूर्य मौजूद हैं. इसके चलते शुक्र अस्‍त हो जाएंगे. चूंकि शुक्र ग्रह को प्रेम-रोमांस, भौतिक सुख, विलासिता का दाता माना गया है. इसलिए विवाह के लिए मुहूर्त निकालते समय शुक्र ग्रह की स्थिति देखी जाती है. शुक्र अस्‍त के दौरान विवाह करना बेहद अशुभ माना जाता है.

चूंकि शुक्र 7 जुलाई को उदय होंगे, लिहाजा तब तक विवाह नहीं हो सकेंगे. इस बीच 6 मई को गुरु भी वृषभ राशि में अस्त हो जाएंगे और 4 जून को उदय होंगे. गुरु ग्रह वैवाहिक सुख का कारक हैं. जब गुरू अस्‍त रहें तो विवाह नहीं किए जाते हैं, वरना दांपत्‍य जीवन में समस्‍याएं आती हैं. इस तरह 24 अप्रैल से 7 अप्रैल तक विवाह नहीं हो सकेंगे.

मांगलिक कार्य के गुरु-शुक्र उदय जरूरी

गुरु और शुक्र ग्रह मांगलिक कार्यों के लिए शुभ होते हैं और यदि ये दोनों ग्रह अस्त हों तो मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. इस दौरान शादी-विवाह के अलावा सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन-जनेऊ संस्‍कार करना भी अशुभ फल देता है.

जुलाई से शुरू होंगी शादियां

गुरु और शुक्र ग्रह के उदय होने के बाद एक बार फिर शहनाईयां बजेंगी. हालांकि 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास आरंभ होते ही फिर से 4 महीनों के लिए विवाहों पर रोक लग जाएगी. हिंदू धर्म में चातुर्मास के दौरान सगाई-शादी, नया व्‍यापार की शुरुआत, गृह प्रवेश जैसे शुभ-मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी को भगवान विष्‍णु के जागने के बाद ही विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू होंगे.